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आज़ादी का मतलब ( फायकु )

आज़ादी का मतलब ( फायकु ) डॉ.बन्सीलाल गाडीलोहार, नाशिक आज़ादी का तात्पर्य नहीं गुलामी तनमन की सहते रहना । आज़ादी का अर्थ नहीं दूसरों के अधिकार हनन करना । आज़ादी का मतलब नहीं अपना ही मतलब साधते रहना । आज़ादी का तात्पर्य नहीं स्वैराचार से अपना मार्ग अपनाना । आज़ादी [...]

सरदार बल्लभभाई पटेल

सरदार बल्लभभाई पटेल बज्रादपि कठोराणि मृदूनि कुसुमादपि l लोकोत्तराणाम चेतांसि को नु विज्ञातुमर्हति ll सरदार बल्लभभाई पटेल पुष्प सदृश कोमल थे और बज्र से कठोर I उनकी आंखों में विलक्षण तेज था उनकी वाणी में महाशक्ति की हुंकार थी उनके पैरों में पवन सी गति थी उनकी प्रतिभा में मां [...]

( गीत ) मुखरित मौन की आवाज

( गीत ) मुखरित मौन की आवाज क्रूरता की चोटियों में निर्धनों की रोटियों में देख जंगल राज गूंजती है आज,मुखरित मौन की आवाज कल्पना की डोर चढ़कर उड़ रहा मन ज्यों गगनचर व्योम से झांके धरा पर सृष्टि की मोहक कला पर पुष्प सुरभित क्यारियों को देखकर हरियालियों को [...]

माँ तेरे जाने के बाद

माँ तेरे जाने के बाद माँ तेरे जाने के बाद, हम रहेंगे अति उदास। नहीं होगा कोई पास, भले सब आस- पास। धीरज नहीं रह पाएगा, साहस कहाँ से आयेंगे? बुद्धि आएगी नहीं, बलहीन हम हो जायेंगे। भूख जानेगा नहीं, स्वार्थ ही रह जाएँगे। तुम जैसा होगा नहीं, प्यासे ही [...]

दोस्त

दोस्त दोस्त मतलब , खुशियों का भरापूरा संसार न उदासी ,न कोई गम बस प्यार ही प्यार। दोस्त मतलब, जो छीन ले आँखों की नमी मुस्कुराहटें देकर , पूरी करे हर रिश्ते की कमी। दोस्त मतलब, खडा़ जो हर मुसीबत में साथ गल्तियां बताये , पर छोडे़ न कभी भी [...]

सुनो भाई पीने वालो

सुनो भाई पीने वालो जगह जगह ठेके खुले, लगा रहे हैं जाम, पी पीकर गिरते फिरें, क्या सुबह क्या शाम, अंग्रेज़ी देशी पियें पियें विस्की और रम, बियर बार हैं खुल गये, रातों दिन हे राम। महंगाई की रो रहे, रोटी मिले न दाल, दारू महँगी हो भले, पीना है [...]

प्यार से हमको बुलाया तो करो

प्यार से हमको बुलाया तो करो कभी तुम प्यार से हमको बुलाया तो करो कभी तुम प्यार का इजहार तो किया करो हां, मुझे तुमसे प्यार बढ़ता जा रहा है हां, थोड़ा-थोड़ा ही सही दिल को तुम पे विश्वास होता जा रहा है पर मैं सोचती हूं कि तुम्हें मुझ [...]

आदित्य – शिव स्तुति

आदित्य – शिव स्तुति शिव ॐ कार, शिव चंद्रभाल, शिव महादेव, शिव व्याघ्र छाल, शिव महाकाल, शिव नील कंठ, शिव त्रिशूलधर, शिव भो कराल। स्वरूप सुंदर सत्य शिवॐ का, जटा जूट सी घटा सुव्योम की, किरीट शीश सोम चन्द्रभाल का, बहती रहे सुधारधार श्रीगंग की। त्रिनेत्र नेत्र तीसरा ललाटभाल, प्रदीप्त [...]

सुहागिन स्त्री

सुहागिन स्त्री जब पति विदेश जाता है पैसे कमाने तब पत्नी लिखती हैं। नर्म हाथों की हिना महंकी हुई बन जाएंगे, दिन गुलाबी और रातें शबनमी बन जाएंगे। जो बैठे हो दूर शहर मे,ओ मेरे प्यारे साजन, हमारी तुमको याद न आई, ओ मेरे प्यारे साजन। प्यार के रंगों से [...]

रोटी

रोटी रामधीर को साहित्य का नशा चढ़ गया था, रह रह कर सारा ध्यान साहित्य की ओर खिंचा चला आता था । आय का जरिया बिलकुल नहीं । साहित्य से कोई आमदनी नहीं होती और परिवार चलाना मुश्किल हो गया था । आर्थिक तंगी से तंग आकर रामधीर ने आखिर [...]