माँ तेरे जाने के बाद
माँ तेरे जाने के बाद
माँ तेरे जाने के बाद,
हम रहेंगे अति उदास।
नहीं होगा कोई पास,
भले सब आस- पास।
धीरज नहीं रह पाएगा,
साहस कहाँ से आयेंगे?
बुद्धि आएगी नहीं,
बलहीन हम हो जायेंगे।
भूख जानेगा नहीं,
स्वार्थ ही रह जाएँगे।
तुम जैसा होगा नहीं,
प्यासे ही रह जाएँगे।
साहस बढ़ाती माता तुम,
धैर्य लाती सर्वदा।
एकाकी ही रह जाएँगे हम,
कोई न होगा आपदा।
माँ तेरे जाने के बाद,
प्यारा तुम जैसा नहीं।
मैं तो अभागा रह गया,
माँ तुम जैसा कोई नहीं।
ज्ञान रिश्तों का दिया,
सम्मान सिखलाया तुम्हीं।
ऊँगली पकड़ चलना सिखाया,
पंथ दिखलाया तुम्हीं।
रिश्ते हैं सारे स्वार्थ के,
अपना अब कोई नहीं।
थपकी देकर सुलाया,
तुम तो माँ सोई नहीं।
हम खोजते ही रह गये,
कोई मिला मुझको नहीं।
क्यों रूठकर माँ जा रही?
कुछ तो बोलो माँ सही।
भूल होगी न दुबारा,
माफ कर दो माँ मुझे।
बेसहारा माँ न छोड़ो,
जाने न दूँगा माँ तुझे।
अश्रु छाए नयन जल हैं,
देख लो माता सही।
साहस धराए कौन माता?
कोई नहीं दिखता मही।
रमेश कुमार द्विवेदी चंचल