कहानी तुम
कहानी तुम सुमन शर्मा, नई दिल्ली मुझे अपलक निहारती तुम्हारी आंखों की आत्मीयता मेरे जीवन की स्नेहमयी धरोहर थी । ऐसा भी बहुत बार हुआ था जब मैं खुद को तुम्हारी आंखों से बचाने की कोशिश करती थी और तुम मुझे लगातार देखते थे और मैं उस वक्त बड़ी हड़बड़ा [...]