डॉ. ओम ऋषि भारद्वाज की पुस्तक “Assessment for Learning” B. Ed. का विमोचन
डॉ. ओम ऋषि भारद्वाज की पुस्तक “Assessment for Learning” B. Ed. का विमोचन
हिन्दी साहित्य भारती ब्रज प्रान्त के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में शिक्षण और मूल्यांकन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली पुस्तक “Assessment for Learning” का भव्य विमोचन समारोह आयोजित किया गया। यह पुस्तक डॉ. ओम ऋषि भारद्वाज द्वारा लिखी तथा अग्रवाल ग्रुप ऑफ पब्लिकेशंस आगरा द्वारा प्रकाशित की गई है, जो शिक्षण पद्धतियों और सीखने के आंकलन पर केंद्रित है।
विमोचन कार्यक्रम में शिक्षा क्षेत्र के प्रतिष्ठित विद्वान, शिक्षाविद, और साहित्यसेवी उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ राकेश सक्सेना, पूर्व विभागाध्यक्ष , जे एल एन महाविद्यालय एटा, ने कविता द्वारा लेखक का उत्साह वर्धन किया। पूर्व प्राचार्य, जे एल एन महाविद्यालय एटा एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि डॉ राकेश मधुकर ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा, “यह पुस्तक बी.एड. छात्रों और शिक्षकों के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी। ओज के सशक्त हस्ताक्षर श्री बलराम सरस जी ने कहा, यह पुस्तक आकलन को एक नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है, जो न केवल शिक्षकों बल्कि विद्यार्थियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।”
डॉ. भारद्वाज ने इस अवसर पर कहा, “इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों को शिक्षण और आकलन में नवीनतम विधियों से अवगत कराना है। यह पुस्तक पाठ्यक्रम-आधारित शिक्षा के साथ-साथ समग्र विकास के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।” श्रीमती भूमिका सक्सेना , प्रवक्ता, एसीसी कॉन्वेंट स्कूल एटा,ने पुस्तक का समीक्षात्मक विवरण प्रस्तुत किया और कहा, “जिस प्रकार एक महिला के लिए गर्भधारण से लेकर शिशु को जन्म देना फिर उसे स्वावलंबी बनाना एक कठिन कार्य है, एक पुस्तक को लिखना भी उतना ही कठिन है , किन्तु डॉ भारद्वाज जी किसी कार्य को करने का वीणा उठाते हैं तो वह उस कार्य को पूरा करने के पश्चात ही विश्राम करते हैं।”
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षाविदों ने अपने विचार साझा किए जिनमें अग्रवाल ग्रुप ऑफ पब्लिकेशंस आगरा से पधारे डॉ अनिल शर्मा, रेशमा सुल्तान, शिवानी मिश्रा के अतिरिक्त डॉ निवेदिता, प्रबन्धक किड्जी पब्लिक स्कूल, एटा ; डॉ सुधीर पालीवाल, प्राचार्य, दीनबंधु कृषि महाविद्यालय; डॉ आदित्य परिहार, प्रधानाचार्य, ब्राइट लैंड पब्लिक स्कूल; श्रीमती नीलम सिंह, प्रवक्ता, सेंट मेरिज इण्टर कॉलेज; डॉ राजेन्द्र चौहान राज, वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि; श्री सत्येन्द्र भारद्वाज, प्रवक्ता अर्थशास्त्र, एसीसी कॉन्वेंट स्कूल; श्री हरि बाबू उपाध्याय, प्रवक्ता, सरस्वती वरिष्ठ विद्या मन्दिर; श्री मुकेश भारद्वाज, प्रबन्धक, इण्टर कॉलेज; श्री विमल कुमार शर्मा, प्रवक्ता, लक्ष्मी बाई बालिका इण्टर कॉलेज; श्री राहुल कपूर, युवा उद्योगपति एवं समाजसेवी; कृष भारद्वाज तथा इरा कपूर की भूमिका सराहनीय रही।
अध्यक्षीय उद्बोधन में बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय के संस्कृत के विद्वान एवं हिन्दी साहित्य भारती ब्रज प्रान्त के परामर्श प्रमुख,श्रद्धेय डॉ प्रेमी राम मिश्र जी ने कहा कि “Assessment for Learning” न केवल बी.एड. पाठ्यक्रम के छात्रों के लिए बल्कि व्यावहारिक शिक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी। इस अवसर पर उन्होंने हिन्दी साहित्य भारती की भावी कार्य योजना के अन्तर्गत होने वाली मासिक गोष्ठी में हिन्दी साहित्य को प्रोत्साहित करने हेतु एक कवि का प्रति माह एकल पाठ आयोजित करने का परामर्श दिया जिसे सर्व सम्मति से स्वीकृति प्रदान हुई।
उपस्थित साहित्यकारों के रुझान को देखते हुए श्री गुरु गोविन्द सिंह जी की जयंती के उपलक्ष्य में वैचारिक एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन भी हुआ जिसमें एच एस लॉ कॉलेज से पधारे श्री ललित कुमार कुलश्रेष्ठ जी ने गुरु गोविन्द सिंह जी को अनन्य राष्ट्र भक्त बताते हुए किस प्रकार उन्होंने गुरु परम्परा को निभाते हुए मुगलों से लोहा लिया इसका विस्तृत वर्णन किया। बलराम सरस जी ने उनके बलिदानों की भूरि भूरि प्रशंसा की। काव्य पाठ करते हुए उन्होंने कहा, अगर प्रीति का प्रण लेते तो कितना ही अच्छा होता। चार सीढ़ियां चढ़ लेते तो कितना ही अच्छा होता।।
डॉ निवेदिता जी ने ओज की कविता सुनाकर श्रोताओं को वीर रस से आह्लादित कर दिया। उनके अनुसार _ रक्त की एक एक बूँद किस तरह बहाई होगी! आत्मा से भारत माता की जय, यही आवाज आई होगी।। डॉ राकेश मधुकर जी ने कहा: जाने कितनी मजबूरी में जल में मुझे बहाया होगा? माँ का दिल आँसू में जाने कितनी बार नहाया होगा!! डॉ राकेश सक्सेना जी ने गुरु गोविन्द सिंह जी की कविता का स्मरण करते हुए,कुछ यों अपने भाव व्यक्त किए : इन पुत्रन के शीश पर वार दिए सुत चार। चार मुए तो क्या हुआ, जीवित चार हज़ार।। श्रद्धेय डॉ प्रेमी राम मिश्र जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा: धन्य धन्य भारतमाता जहाँ ऐसे सपूत भी जन्मे हैं। जिनने निर्बल की खातिर, कैसे कैसे बलिदान किए।।
गुरु गोविन्द सिंह जी की जयंती, हिन्दी साहित्य भारती ब्रज प्रान्त की भावी कार्य योजना तथा पुस्तक विमोचन के इस अवसर ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को नई दिशा देने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का समापन ललित कुमार कुलश्रेष्ठ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात कल्याण मंत्र के साथ हुआ।