“गौतम बुद्ध”
“गौतम बुद्ध”
जन्म ठौर शुभ लुंबिनी , गौतमबुद्ध पधारे ।
सुन पुराण ग्रंथन कहे ,विष्णु नवम अवतारे ।।
राजा शुद्धोधन सदन , भगवन ने महकाया ।
अंक सजाए बुद्ध ने , माँ नाम महामाया ।।
क्षत्रिय कुल इक्ष्वाकु में , पुत्र रूप प्रभु आए ।
सगी महारानी बहन , अंक गौतमी भाए ।।
प्रभु पालक बन गौतमी , मन ही मन हरसातीं ।
नामकरण सिद्धार्थ सुत , कर सुख अतिशय पातीं ।।
कर विवाह रहने लगे , यशोधरा थीं रानी ।
प्रथम पुत्र राहुल हुए , सुनिए कथा जुबानी ।।
सुत दारा गृह त्यागकर , बोध गया जा बैठे ।
दिव्य ज्ञान की खोज में , बोधि वृक्ष तल पैठे ।।
जन्म ज्ञान तिथि पूर्णिमा , बुद्ध बने निर्वाणी ।
शुभ वैशाख के मास में , त्याग मोह जग प्राणी ।।
पुरातत्व इतिहास से , बुद्ध सिद्ध तिथि जानें ।
बन गौतम सिद्धार्थ तन , बुद्ध साधना मानें ।।
नरेन्द्र वैष्णव “सक्ती”
सक्ती , छत्तीसगढ़