बेटियां -पत्तियां
बेटियां -पत्तियां पत्तियों का डाली से छूटना आया पतझर में जैसे वृक्ष को रोना आया परिंदों का था ये पत्तियों का पर्दा छाँव छूटी और तपिश गहराया | पत्तियां भी होती बेटियों की तरह वृक्ष घर को ये कर जाती सूना रूठ कर करती है जिद्दी फरमाइशे पिता वृक्ष कर [...]