Search for:
  • Home/
  • Tag: @हिंदीकविता

डा. संजीदा खानम “शाहीन” को मुंशी “प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान”

डा. संजीदा खानम “शाहीन” को मुंशी “प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान” …………………….. मुंशी प्रेमचंद की 144 वीं जयंती पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा(अभाकास) द्वारा जयपुर स्थित इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान के सभागार में तीसरा राष्ट्र स्तरीय मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न समारोह 2024 आयोजित किया गया। जिसमे जोधपुर की कवयित्री व [...]

‘तुझे शत-शत नमन है’

‘तुझे शत-शत नमन है’ नमन है! नमन है! तुझे- तुझे शत – शत नमन है! हे चित्रांश गौरव, हे युग श्रेष्ठ – साहित्य की सच्ची पहचान! तुझे नमन है..! निष्पक्ष, निर्भेद, निर्विवाद- स+ हित को समेटे – दलित, किसान, सर्वहारा महिला, अछूत, सर्व वर्गों की पीड़ाओं को लपेटे- सृजा तुमने [...]

( प्रेमचंद जयंती विशेष ) मुंशी प्रेमचंद की प्रासंगिकता

( प्रेमचंद जयंती विशेष ) मुंशी प्रेमचंद की प्रासंगिकता प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936). हिंदी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक थे। उनका मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचन्द के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास [...]

मुंशी प्रेमचंद जी

मुंशी प्रेमचंद जी “प्रेमचंद जी की कलम से निकले शब्द, साहित्य की दुनिया में अमर हो गए। ग्रामीण जीवन की सच्चाई को उन्होंने दिखाया, और समाज की बुराईयों पर प्रकाश डाला。 उनकी कहानियों में जीवन की सच्चाई है, और उनके शब्दों में दिल की आवाज है। प्रेमचंद जी का साहित्य [...]

यही कहानी

  यही कहानी हंसा बहुत पर सुख न जानी, जीवन की बस यही कहानी। प्यार बांटकर घृणा पाया, नेकी करके चोटें खाया, दोष यही कि हूं स्वाभिमानी, जीवन की बस यही कहानी। हंस हंसकर हर पीड़ा सहा, लेकिन कभी उफ न कहा, परिस्थितियों से हार न मानी, जीवन की बस [...]

हे राम जी बड़ा दु:ख दीना,

गुरु चरणों की धूल हे राम जी बड़ा दु:ख दीना, स्थाई- हे स्याम जी मोड़ मुख दीना, मेरे मोहन ने मुख मोड़ दीना। अद्भुत चतुराई मुझे विरहन बनाई, मोहन ने छोड़ मुझे दीना,मुख मोड़ दीना।। मेरे मोहन ने मुख मोड़ दीना।। हे श्याम जी मोड़ मुख दीना—– अन्तरा-१ वो मोहक [...]

मेरा स्कूल,कहा कुछ बदला हैं

मेरा स्कूल,कहा कुछ बदला हैं सोचा क्यों न फिर से स्कूल जाया जाए। फिर से थोड़ा बचपन जिया जाए। वर्षों बाद स्कूल(स्कूलपारा वाला)गया । जहा हमारी यादे है, खण्डहरों में तब्दील हो चुका है ।हाँ, पर कुछ नए बने जरूर है ,जो कि पक्के है तब खपरैल के हुआ करते [...]

गीत है ये…

गीत है ये… गीत है ये तेरा, गीत है ये मेरा! जो सुहानी ग़ज़ल वक्त लिखता गया! खुल के हमने न गाया तो क्या फायदा! गीत है ये तेरा……. जिंदगी रोज़ तूफां में चलती रही! कोई कश्ती नहीं कोई साथी नहीं! जो किनारा न पाया तो क्या फायदा ! गीत [...]

चिंतन करत मन भाग्य का

चिंतन करत मन भाग्य का हे मानव! सत्य वचन, स्वयं करता निर्माण अपने भाग्य का फिर क्यों चिंतन,मनन है करता जिंदगी में जितना तुमने है पाया वह तेरे कर्मों का ही प्रतिफल है कोई काम नहीं है ऐसा जिसे तू ना कर पाएगा हे मानव! तुम्हारे मंजिल और हौसला अगर [...]

शिव-वंदन

शिव-वंदन ============= बाघंबरी धारण करें,शीश गंग की धार। औघड़दानी,हे त्रिपुरारी,तुम हो जीवनसार।। पशुपति हो तुम,करुणा मूरत,तुम ही दयानिधान। तुम वरदानी,पूरणकामी,हे! मेरे भगवान।। पार्वती ने तुमको पूजा,तुमको तब है पाया। मंगलमयी मिलन तब भूषित,शुभ का मौसम आया।। कार्तिके़य,गजानन आये,बनकर पुत्र तुम्हारे। संतों,देवों ने सुख पाया, भक्त करें जयकारे।। आदिपुरुष तुम,मंगलकारी,तेरा अनुपम [...]