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मेरे घनश्याम

मेरे घनश्याम कृष्ण कान्हा आए द्वार धरती का करने श्रृंगार कृष्ण,कर्मवीर श्याम मुरलीधर घुन्घराले बाल कजरारे नैना सिर पर मोर पंख नीले रंग में रंगे पीला वस्त्र मुरली मनोहर मेरे घनश्याम जगधारी गोपाल बंसी बजैय्या कान्हा जी गोपियों संग नृत्य पालनहारी उद्धारक किसना जी राधा प्रेम दिवानी मीरा दरस दिवानी [...]

एक बार कर दो मोहन

एक बार कर दो मोहन नजर-ए-करम की हम पर एक बार कर दो मोहन मंझधार में है नैया उसको पार कर दो मोहन आया हूं तुम्हारे दर पर बन करके मैं सवाली भरते हो सभी की झोली जाता न कोई खाली हम पर भी अपनी दया की बौछार कर दो [...]

“संवाद–राधा-कृष्ण”

“संवाद–राधा-कृष्ण” बड़ा नटखट है तू कान्हा,मुझे क्यों रोज छलता है? मुझे तू भूलकर,और जा मेरी सखियों से मिलता है। तू अब न रोक मेरी राह,न पकड़ों हाथ को मेरे, बदल कर रूप तू ,दिनरात मुझको तंग करता है। न रूठो राधेरानी, गोपियों से तू क्यों जलती है? सताऊं न तुझे [...]

तू हार मत ,प्रतिकार कर

तू हार मत ,प्रतिकार कर जिंदगी जीने का है नाम तू हर मत मान ए इंसान! तू कभी जिंदगी से थक कर हर मत हमेशा प्रतिकार कर तू रख अपने हौसला को बुलंद सच्चाई के रास्ते पर तुझे चलना है हमेशा आसमां तक लाख बढ़ाएं आएंगी मगर तू बाधाओं का [...]

आजा साँवरे

आजा साँवरे बंसी मीठी बजा के रिझा न साँवरे रैन होने लगी अब बुला न साँवरे। चाँद भी आज निकला नहीं है गगन दिल को मजबूर इतना बना न साँवरे। लोग नजरे गढ़ाए रहे रात दिन सबकी नजरों में मुझको चढ़ा न साँवरे। घेर कर बैठी है सारी सखियाँ मुझे [...]

( लेख ) पहली कविता

( लेख ) पहली कविता कविवर सुमित्रा नंदन पन्त के अनुसार:- वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान, निकलकर आँखों से चुपचाप, बही होगी कविता अनजान। कविवर सुमित्रानंदन पंत जी की अनुभूति के अनुसार यह लाइनें हमें बताती हैं कि कविता का जन्म वियोग या विरह की आह [...]

*न्याय की दरकार

न्याय की दरकार है भगवान का दर्जा जिसे, उसको नहीं बख़्शा गया बेखौफ अपराधी दिखा , सुरक्षा को ताक पे रखा गया।। डॉक्टर का पेशा था जिसका, काम था लोगों को बचाना। लूट अस्मत क्यो मार डाला? सीख रही थी जीवन बचाना।। इन राक्षसों पर रहम क्यों? जिसने न रहम [...]

कर्तव्य पथ पर चलता चल

कर्तव्य पथ पर चलता चल मैल दिलो का धोता चल आंधी आए या तूफान आगे बढ़ता चल अपने पराए में भेद नहीं, सर्वस्व लुटाता चल दीन दुखियों का दर्द मिटाता चल।। आदमी, आदमी भला रहा कहां हैवानियत को मिटाता चल झूठ और फरेब का रोजगार फल फूल रहा भारत माता [...]

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत माँ के सच्चे सपूत महान जननायक क्रातिकारी स्वतंत्रता संग्राम के वीर बलिदानी राष्ट्रनायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की आज पुण्यतिथी पर मैं उनपर लिखी स्वरचित रचना के द्वारा सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ । नेताजी ——- सुभाष नाम है उस प्रकाश का जो गुलामी [...]

“ए मेरे भारत वर्ष…..”

“ए मेरे भारत वर्ष…..” बीत गए दिन, महीने, दशक कितने दस दस साल के बिगड़ी बना लो अब तो चरित्र को संभाल के। ए मेरे भारत वर्ष, आंधियों ने उड़ाई धूल जो इतिवृत्त में मचाई गंद इतिवृत्त में अपसरित हो अब तो सदियों के शास्त्र ज्ञान से। ए मेरे भारत [...]