मां ही जननी
मां ही जननी
मां तुम धन्य हो।
जिसने मुझे जन्म दिया।
नेक रस्ते पर चलना सिखाया।
मां तुम मां हो।
जन्नत हो।
मां हमारी प्रथम गुरु है।
मां हमारी संस्कृति संस्कार है।
मां ने हमें नौ माह कोख में पल।
मां की ममता हमें बहुत अच्छी लगती हैं।
मां हमारी दुलारी है।
मां घर हमें उठना बैठना सिखाती है।
मां हमारी शिक्षा की जननी है।
मां का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहा।
मां ज्ञान की देवी है।
मां हमारे समाज निर्मामात्री।
मां दो घरों में संस्कारित करती।
मां सुख दुःख में हर समय तत्पर।
मां एक स्वर्ग से बढ़कर कुछ नहीं है।
मां है तो जन्नत है।
मां से ही मन्नत है।
मां घर का उजाला है।
मां ने जन्म दिया।
मां ने ही पाला है।
मां घर की आन बान और शान है।
मां पूरे समाज विश्व में सबसे महान है।
मां सुबह है।
मां शाम है।
मां घर का चिराग है।
मां से हम उज्जवल है।
मां हम आप की तितली
मां आप फूल है।
हम आप की गोद में बैठे हुए।
हमेशा प्यार लुटाएगी।
मां तेरे हाथों का तकिया।
कैसे सजाएं।
मैं आज भी रात को सोता हूं।
तकिया जो था वो महसूस कर रहा हूं आज।
छोटा बच्चा बनकर खूब रोता हूं।
मां तू स्वर्ग है।
तू जहान है।
तुम सर्वशक्तिमान है।
मां तू इमानदार है
वफ़ा की प्रतिमूर्ति है।
हमारी अन्तर आत्मा है।
हमेशा मुसीबत से छुटकारा देने वाली।
मां तुम समुद्र की लहर है।
तुम फूल हम भंवरें है।
तुम बुलबुल हो मां।
आपकी माथे पर पड़ी सिकन।
हमेशा कामयाबी की कहानी है।
मां हमें जनून देती है।
समाज से लडने व जुड़ने की ताकत है मां।
मेरी मां का चेहरा इतना सुन्दर है।
उनके आगे फ़रिश्ते और परियां फीकी हैं।
*बीएल भूरा चन्द्र शेखर आजाद नगर (भाबरा) अलिराजपुर मध्यप्रदेश*