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मेरे भैया रक्षाबंधन पर आना

मेरे भैया रक्षाबंधन पर आना सावन माह का पूर्णिमा है आया भैया रक्षाबंधन का पावन त्यौहार है आया भैया रंग- बिरंगी राखी लेकर आई हूं भैया रक्षाबंधन के पावन पर्व पर आना भैया मिठाई,अक्षत ,रोली, दीप और राखी से थाल सजाकर राह तक रही प्यारी बहना माथे पर मंगल तिलक [...]

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन सावन की शुभ पूर्णिमा,रक्षा बंधन पर्व। बहना को है भ्रात पे,पूर्ण रूप से गर्व।। धागों का त्योहार है,सजी नेह की डोर। करें बहन यह कामना, रहें खुशी चितचोर।। रक्षाबंधन पर्व है,भ्रात बहन का प्यार। राखी बाॅंधी हाथ में,बही प्रेम की धार।। रेशम धागा बांध कर , करे ईश का [...]

रक्षाबंधन महापर्व

रक्षाबंधन महापर्व यह रक्षाबंधन महापर्व है , रक्षा धर्म समझने को । मानव जन्म मिला हुआ जो, सबकी रक्षा करने को ।। सत्य सनातन धर्म ही हमको, रक्षा धर्म सिखाते हैं। हर प्राणी में ईश्वर होता, हमको यही बताते हैं ।। हमने देखा हर पूजा में , धर्म सूत्र बंधवाते [...]

राम मंदिर अयोध्या (मालवी रचना)

राम मंदिर अयोध्या (मालवी रचना) राम मंदर अजोध्या,,, राम नाम है तारणहारो, मंदर थारो यो बण्यो सुहाणो, म्हारे राम की महिमा अपार, म्हू थारे जाऊं बलिहारी।। राम नाम है तारण हारो,,,, दूर-दूर से जा तरी आवे, आईने था रा दर्शन पावे। तू तो है पालनहार, म्हू ह थारे जाऊं बलिहारी,, [...]

गौ माता की करुण पुकार

गौ माता की करुण पुकार आज कन्हैया, तेरी गैया, जाती कत्लेख़ाने को । दर्द भरी आवाज़ ही अब तो, रह गई तुझे सुनाने को ।। सतयुग, त्रेता, द्वापर में भी, घर-घर पूजी जाती थी । ऋषियों-मुनियों के गुरुकुल में, ही सच्चा सुख पाती थी ।। बीते दिन ही अच्छे थे, [...]

आजादी का मतलब

आजादी का मतलब आजादी का मतलब है कि, बंदिश समाज की टूटी हो। भयमुक्त सभी चहुंओर रहे, भेदभाव की बेड़ियाँ छूटी हो।। आजादी का मतलब है कि, बिन रोक कही भी जाना हो। अरुणाचल,जम्मू, तमिलनाडु, अपनापन सबको माना हो।। आजादी का मतलब है कि, मानवता पहला धर्म रहे। जाति धर्म [...]

आंदोलन (अंग्रेजो भारत छोड़ो)

आंदोलन (अंग्रेजो भारत छोड़ो) आंदोलन करना ही था जब देश जंजीरों में जकड़ा था गुलामी की बेड़ियों में हर इंसान कैद था जंग करनी थी और आजादी का जश्न मनाना था यहां सब फिरगी को देश से बाहर निकाल फेंकना ही जिंदगी का दायित्व था। फिरंगियों के अत्याचार से मां [...]

गुरु चरणों की धूल

गुरु चरणों की धूल फहराता है सैनिक ये जब। तिरंगा प्यारा सरहदों से।। सुभाशीष है उन शूरवीर। गौरवान्वित माता हर्ष से।। त्याज्य सर्वस्व शौर्य शूरसेनों। पग अश्रु जल से धो लूॅंगा। प्रयाग के उन पन्ड़ों से मैं। वीरों का पिण्ड दान कराऊॅंगा। वीरांगना लक्ष्मीबाई महारानी ने। गौरों को दांतों चना [...]

सनातन संस्कृति

सनातन संस्कृति आदिम युग में जहाॅं विश्व में, पशु से बदतर था इन्सान। वहीं हमारे भारत में था, नभ में उड़ता उन्नत यान।। किरण मात्र को तरस रहा था, अन्धकारमय जब संसार । तब भारत का सूर्य पवन पर, जल पावक पर था अधिकार। शेष विश्व में भटक रहा था, [...]

हिन्दी की दुर्दशा ( गीत )

हिन्दी की दुर्दशा ( गीत ) आठ आठ आँसू रोये भव्य भारती ! हिन्दी आज हिन्द से हिसाब माँगती !! संसकृत सिसकती सिमटी यहां ! देववाणी उपमा दे बेचा है कहाँ ? वोलत विदिशी वोली बाचाली वहां! संसद सदन सारा गौरव जहां !! हुआ ह्रास हिन्दी का निदान चाहती ! [...]