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मातृत्व को नमन्

मातृत्व को नमन् दुनिया की हर मां के उस मातृत्व को मेरा नमन् , जिसने सृष्टि के संचालन का भार, अपने ऊपर वहन किया। हर मां के उस धैर्य को मेरा नमन् , जिसने नौ महीने तक संतति को, अपने उदर में जगह दे, गर्भ पीड़ा का भार, अपने ऊपर [...]

मां का अनमोल प्यार

मां का अनमोल प्यार मां तेरे अनमोल प्यार को, आज समझ मैं पाई हूं । श्रद्धा सुमन कदमों पर तेरे, अर्पित करने आई हूं ।। घर के काम सभी तू करती, चूड़ियां बजतीं थी खनखन, भोर से पहले तू उठ जाती, पायल बजती थी छन छन, गोद में लेकर चक्की [...]

मां के हाथों से बना खाना

मां के हाथों से बना खाना याद आते हैं बचपन के वो दिन मां बनाती थी जब स्वयं अपने हाथों से खाना शाला से शाम को भाग कर आना और मां का अपने हाथ से वह खाना खिलाना उंगलियां चाटते रह जाते थे मन आत्मा हो जाती थी तृप्त क्योंकि [...]

माँ

माँ मां का जीवन में, कोई पर्याय नहीं है। मां जैसा सकल जगत में अध्याय नहीं है।। जिसके लबों पर कभी, बद्दुआ नहीं होती। वह एक माँ ही है, जो कभी खफा नहीं होती।। मां इस सृष्टि का सार, जीवन का आधार है। ईश्वर का उपहार औ प्रीत का मल्हार [...]

माँ

माँ मां का जीवन में, कोई पर्याय नहीं है। मां जैसा सकल जगत में अध्याय नहीं है।। जिसके लबों पर कभी, बद्दुआ नहीं होती। वह एक माँ ही है, जो कभी खफा नहीं होती।। मां इस सृष्टि का सार, जीवन का आधार है। ईश्वर का उपहार औ प्रीत का मल्हार [...]

बुन्देली संस्कृति संगम के तत्वावधान में हुआ साझा संकलन बुंदेली प्रभा का विमोचन

बुन्देली संस्कृति संगम के तत्वावधान में हुआ साझा संकलन बुंदेली प्रभा का विमोचन बुन्देली संस्कृति संगम जबलपुर संस्था की संचालिका श्रीमती प्रभा विश्वकर्मा “शील” ने बताया कि उनके अथक प्रयासों से इस संकलन में 111 साहित्यकारों की रचनाओं को स्थान मिला है और कुछ साहित्यकार जबलपुर के बाहर से भी [...]

मां ममतामई मां

मां ममतामई मां मां ममत्व की, मूरत है। मां भगवान की ,सूरत हैं। मां दरकार हैं, स्नेह, प्रीति, प्यार है। मां हवा है, मां पानी है। मां बचपन हैं, मां जवानी है, मां अस्तित्व की कहानी हैं। मां जीवन में ,उजाला हैं । मां गिरते को , संभाला है। मां [...]

मां

मां मां वो है जो हमे इस दुनिया में लाती बेटी को मारने वाले जालिमों से बचाती तुमको चूमती दुलारती सारी खुशियां लुटाती कोई चाहे जो कहे उसे फर्क नही पड़ता वो तुम्हे सीने से लगाती रात को जब तुम रोती तो भले कितना थकी हो उठ कर तुम्हारी नेपकिन [...]

मातृ दिवस

( जब जब मैं संकट और तन्हाई में होता हूं, तब तब मां की गोद में सिर रखकर सोता हूं ।।जिस मां ने मेरी पूरी जिंदगी लिखी हो, उसे मां पर लिखने वाला में कौन होता हूं ) मातृ दिवस अनपढ़ होकर भी जो दुनिया का ज्ञान सिखाती थी और [...]

सबसे सुंदर झांकी

सबसे सुंदर झांकी दिखलाऊं मैं तुम्हें जगत की, सबसे सुंदर झांकी। बहुत पुरानी धुंधली सी, तसवीर ये मेरी मां की।। एक छोटा सा गांव जहां पर ,नाना- नानी रहते थे अक्सर मुझसे मेरी मां की,राम कहानी कहते थे पास में वो थी पूजा जैसी, दूर से एक अजां थी। भोर [...]