नारी संसार का श्रेष्ठ रत्न है और श्रेष्ठ रत्नों में उसका माँ का रूप सर्वश्रेष्ठ रत्न है
ब्रहमा ने जब सृष्टि की रचना की तो उन्होंने महसूस किया होगा कि मात्र सृष्टि की रचना करने से ही उनका कार्य पूरा नहीं हो सकता है। यही कारण है कि सृष्टि को और अधिक सुन्दरता प्रदान करने तथा जीवन की सुन्दरता की निरन्तरता को बनाये रखने के लिए जीवों [...]