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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसम आया।
सकल विश्व हर्षाया।
योग हैं भारत संस्कृति की धरोहर,
योग करता तन,मन,आत्म-शक्ति समन्वय।

योग हैं एक मानस शास्त्र,
योग हैं विज्ञान,
योग मन को करता संयमित।
योग रोगी को बनाता निरोगी।

योग करने ब्रह्म मुहूर्त में उठो।
दैनिक नित्यक्रम निवृत हो।
सर्वप्रथम स्टरेचिंग करो।
तत्पश्चात् करो प्राणायाम।

अनुलोम-विलोम भस्त्रिका,
कपालभाती,सूक्ष्म यौगिक,
क्रियाएं हाथ-पैर और अन्य,
अंगों के व्यायाम करो।

सात्विक भोजन करो,उदित होते,
सूर्य-दर्शन कर करो सूर्य नमस्कार।
दस मिनिट सूर्य किरणों सम्मुख,
बैठकर मुफ्त में विटामिन डी ले।

तब काया में दर्द कभी न होगा।
होगी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित।
होगी मानसिक,शारीरिक शक्ति विकसित।
स्मरण शक्ति होगी विकसित।

योग करो सब योग करो,
तामसिक भोजन भोग कभी मत करो।
सब अपनी काया स्वस्थ रखो।
जो करेगा योग,कभी न होगा रोग।

सदा रहेगा तन स्वस्थ,उर्जावान।
काया होगी सुगठित,
मुख होगा अति कांतिमय।
मन होगा शुद्ध निर्मल।

महर्षि पतंजलि का अष्टांग योग,
हम सबके लिए हैं वरदान।
योग करता चित्त निर्मल,स्थिर।
प्राणायाम करता प्राण नियंत्रित।

श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
शिक्षिका भोपाल मध्यप्रदेश

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