“शिक्षा, साहित्य व समाज सेवा में दुर्गा तिवारी की दिव्यांगता नहीं बनी बाधक”
“शिक्षा, साहित्य व समाज सेवा में दुर्गा तिवारी की दिव्यांगता नहीं बनी बाधक”
लोरमी– मानस ग्राम सारधा के पुण्यधरा में श्रीमती कौशल्या देवी पंडित चंदूलाल तिवारी के घर द्वितीय पुत्री के रूप में जन्मी शिक्षाविद व साहित्यकार आज गुदड़ी के लाल की भूमिका में है । 06/05/1979 में एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में जन्मी दुर्गा बाएं पैर से 65% दिव्यांग है , इनकी दिव्यांगता इनके लिए और उनके परिवार के लिए एक चुनौती थी इन्होने कभी हार नहीं मानी। इन्होंने अपनी दिव्यांगता की इस कड़ी चुनौती को स्वीकार करते हुए निरंतर आगे बढ़ती गई। इस प्रकार इन्होंने अपने जीवन की यात्रा एक शिक्षिका के रूप में आरंभ की। 24/04/1999 को शिक्षा गारंटी “गुरुजी” के पद पर उनकी नियुक्ति हुई ।
भवनविहीन होने के कारण इन्होंने कक्षा का संचालन अपने ही घर में 6 वर्ष तक किया । 24/06/2005 को इनकी नियुक्ति शासकीय उन्नत कन्या शाला झफल मे शिक्षा कर्मी वर्ग 2 के पद पर हुई । 2 वर्ष तक इन्होंने यहां सेवा दी। उसके बाद शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय मजगांव में इन्होंने 7 वर्ष सेवा दी । इन्होंने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने बालिकाओं को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने हेतु सहेली शाला प्रभारी के रूप में 6 वर्ष तक कार्य किया अभी वर्तमान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोंडखाम्ही में व्याख्याता एल.बी .के रूप में पदस्थ हैं। ये स्काउट गाइड प्रभारी हैं।
कोरोनावायरस जैसे भयावह स्थिति में उन्होंने 2020 से ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने का एक सराहनीय प्रयास किया । इन्होंने सिर्फ अपने ही जिले की ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के हर जिले के बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाया । इन्होंने 1376 ऑनलाइन क्लास ली और 76629 बच्चों को लाभान्वित किया। इन्होंने मोहल्ला क्लास भी संचालित किया । दुर्गा तिवारी अपने शिक्षकीय जीवन के 19 वर्षों से विद्यालय, संकुल, डाइट पेंड्रा तथा राज्य सरकार द्वारा अनेक बार सम्मानित करने के साथ 2011 में सर्वश्रेष्ठ अस्थि बाधित कर्मचारी राज्य स्तरीय पुरस्कार से पुरस्कृत हो चुकी है । शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु मुंगेली जिला कलेक्टर डॉ संजय अलंग जी, किरण कौशल जी और अजीत बसंत जी के द्वारा सम्मानित हो चुकी है । इसी प्रकार समाज सेवा व साहित्यकार के रूप में दो बार छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग रायपुर से सम्मानित हो चुकी है । मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह जी, विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक जी, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जी , शहरी आवास और विकास मंत्री तोखन साहू जी द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है । दुर्गा तिवारी विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक साहित्यिक से जुड़कर समाज सेवा में रत लाखों लोगों के प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों के विकास हेतु दुर्गा तिवारी द्वारा लिखे गए गद्य – पद्य लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं । इनकी जीवन की गतिशीलता, समाज सेवा, सहयोग एवं कर्तव्य परायणता ही इनके जीवन के आदर्श हैं ।इन सभी सेवाओं में रत होने के बावजूद दुर्गा तिवारी की व्यवहार कुशलता सहजता व सरलता इनके बहु आयामी व्यक्तित्व के परिचायक है।