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सर्वोदय सेवा आश्रम में काव्य गोष्ठी संग विचार गोष्ठी संपन्न हुई

सर्वोदय सेवा आश्रम में काव्य गोष्ठी संग विचार गोष्ठी संपन्न हुई

दिनांक 21 अप्रैल 2024 रविवार को अपरान्ह लोकतंत्र के महापर्व को मानते हुए मतदाताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से ,हिंदी को प्राथमिकता देते हुए राष्ट्रभाषा बनाने तथा जन जंगल जमीन के साथ माता मंदाकिनी नदी की निर्मलता अविरलता सफाई के लिए भगीरथ प्रयास करने की जागरूकता के लिए तुलसी साहित्य अकादमी जिला चित्रकूट एवं प्रेरणा राष्ट्रीय हिंदी प्रचारिणी समिति नई दिल्ली/जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक काव्य गोष्ठी संपन्न हुई जिसमें भोपाल से पधारे कवि”अशोक गौतम भोपाली” की अध्यक्षता और तुलसी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष रामलाल द्विवेदी प्राणेश के संचालन वा संयोजकत्व में एवं भाई अभिमन्यु सिंह के आयोजकत्व में तथा अतर्रा से पधारे राम अवतार साहू , शिवदत्त त्रिपाठी प्रधानाचार्य,डॉ विनोद शंकर सिंह , श्रीनारायण तिवारी, डॉ मनोज द्विवेदी, जेपी कुशवाहा, डा विजय शंकर सिंह,डॉ राम प्यारे विश्वकर्मा शिवनारायण अख्तर फ़राज़, विक्रम नामदेव, प्रियांशी पल्लवी आदि कई समाज सेवियों की उपस्थिति में विचार व्यक्त किए गए। शिवदत्त त्रिपाठी प्रधानाचार्य ने कहा “वोट हमारा है अधिकार ।इसको नहीं करें बेकार। और
वोट डालने जाना है। सबको भी ले जाना है । हमें सरकार को लिखना होगा कि सरकारी योजनाओं के नाम हिन्दी अपनी भाषा में रखना चाहिएऔरहिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने के लिए हर महीने हस्ताक्षर अभियान का पत्र सरकार को भेजना चाहिए।कचरा गुटखा शैंपू से गंदा करने वाले से मंदाकिनी की रक्षा के लिए सावधान किया। शासन प्रशाशन के साथ जनता को भी साफ़ सफ़ाई के लिए जागरूक होना चाहिए।
रामलाल द्विवेदी प्राणेश ने कहा “लोकतंत्र निज बड़ा विश्व में ,सब देशों में शान ।
चलो मनाएं महापर्व को, बढ़ चढ़कर मतदान। “मंदाकिनी सफाई के लिए कहा
“देखो, कैसी हालत कर दी, मंदाकिनी के मान की।”जोर दिया कि सरकार नए प्रचलित शब्दों की शब्दावली समय समय पर जारी करे एवम हस्ताक्षरित पत्र केन्द्र सरकार को भेजना चाहिए।
डा मनोज द्विवेदी _जल जंगल जमीन और नदियों में विकृति आने पर मानव सुरक्षित नहीं रह सकता। हिन्दी को राष्ट्र भाषा समग्र राष्ट्र के लिए बनानी ही चाहिए।श्री नारायण तिवारी ने कहा
“शबरी बनू तो मीठे-मीठे बेर राजा राम को खिलाऊं मैं।”
रामकिशोर साहू, अतर्रा _पैर में छाले पड़े तो क्या हुआ , सत्यपथ पर तो चलता रहा।
जे पी कुशवाहा, डा विनोद शंकर सिंह ने नीति और यथार्थ को उतारने पर जोर दिया। शायर अख्तर फ़राज़ और राम प्यारे विश्वकर्मा विक्रम नामदेव (“जरा सी आंख लगी, क़रार आ गया है”की गजलें काफी पसंद की गई।
अन्त में भाई अभिमन्यु सिंह ने _मंदाकिनी मर जाएगी, जन जंगल जमीन नहीं बचेंगे ।वनस्थली नहीं बचेगी तो मनुष्य भी नहीं बचेगा । कहा कि दृढ़ संकल्प वाली मोदी सरकारको उत्तर के राज्यों दक्षिण के राज्यों में त्रिभाषा फार्मूला को बढ़ाते हुए दक्षिण के मुख्यमंत्री को विश्वास में लेकर कार्य को आगे बढ़ाकर और अपने वादे को पूरा करें।अपने विचारों के अंत में सबका आभार प्रदर्शन किया। कवियों की रचनाओं को खूब वाह वही मिली।

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