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पर्यटक धार्मिक ऐतिहासिक स्थान पर हमारी जवाब देही

( चिंतन मनन )
पर्यटक धार्मिक ऐतिहासिक स्थान पर हमारी जवाब देही

सभी पर्यटक स्थलों पर स्पष्ट निर्देशित किया जाता है गंदगी फैलाना अपराध है एवं उसके लिए जुर्माना भी लिखा होता है परंतु लोग लुका छुपी करके वहां गंदगी करके ही आते हैंl
चिंतन का विषय है जब हम घूमने के हिसाब से किसी भी धार्मिक पर्यटक ऐतिहासिक स्थान पर जाते हैं और उसे स्थान की सौंदर्यता का वर्णन करते हुए नहीं थकते l
हम वहां अपनी छाप छोड़कर जाते हैं lउदाहरण के तौर पर उस स्थान पर रहने वालों के रहने के तरीको मैं अत्यधिक हस्तक्षेप और उन पर अत्यधिक भार डालने का काम भी करते हैl साथ वहां पर गंदगी फैलाने का भी कार्य करते हैं क्योंकि बाहर से आए हुए हैं पर्यटक इस बारे में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते उसे स्थान की सुंदरता को बनाए रखना हमारे हाथ में भी है l वह स्थान वैसा ही बना रहे ,परंतु अतिरिक्त भार हम वहां की चीजों का उपयोग करके उसे यत्र तत्र फैलाने और गंदगी का काम भी कर रहे हैं और उस जगह की स्वच्छता को अस्वच्छ बनाने में हमारी अत्यधिक सहभागिता रहती है। के प्राकृतिक संसाधनों का भी उपयोग पर्यटक कर रहे हैं l
इसमें मैं एक उदाहरण देना चाहूंगी कुछ समय पूर्व मेघालय जाना हुआ
‘ एशिया की सबसे क्लीनेस्ट रिवर वहां की नदी डॉकी को देखने का मौका मिला ‘
उस स्थान पर जब गए तो जिस तरह से उसकी तारीफ सुनी थी की बहुत ही स्वच्छ है और उसके आसपास की जगह भी बहुत ही अच्छी है वातावरण तो बहुत ही सुंदर था अच्छा था परंतु जो वहां पर गंदगी थी वह सिर्फ और सिर्फ बाहर से आने वाले लोगों के द्वारा की गई थी रैपर गुटके और पान की पीक कई – कई तरह के रैपर शराब बीयर की बोतल यह कहिए इतनी गंदगी का आलम दिखाई दिया की मन विचलित हो गयाl कितनी दूर से लोग यह देखने आते हैं वोटिंग करी परंतु वर्षा हो चुकी थी इसलिए पानी इतना स्वच्छ नहीं दिखाई दे रहा था उसे रिवर के आसपास लोगों के द्वारा अत्यंत गंदगी फैला दी गई थी धूप भी ज्यादा हो रही थी तो जल्दी-जल्दी में वहां से किसी तरह से निकल जाए यही मन में था चारों तरफ खाना पीना चल रहा था जो आशा लेकर गए थे की एशिया की सबसे स्वच्छ नदी को देखकर आएंगे उसे पर पानी फिर चुका था और यह सिर्फ हम ही लोगों के कारण जो पर्यटक स्थल में जाते हैं और गंदगी फैला के आते हैंl जगह-जगह लिखा था यह आपकी जवाबदारी है।
आप इसे स्वच्छ रखें लिखने मात्र से कुछ नहीं हो सकता जब तक कि हम लोग स्वयं उसे क्रियान्वित ना करें ऐसा मेरा मानना है।

धार्मिक स्थान में पवित्र नदियों में हम अपनी इस कदर छाप छोड़कर आते हैं कि केवल हम श्रद्धा के भाव रख के तो जाते हैं पर अत्यधिक श्रद्धा के बाद कुछ नहीं देखते कि हम उस स्थान को कितना गंदा कर रहे हैं lअगरबत्ती जो कि आजकल विषैली हो गई है कई तरह के केमिकल उसमें डाल रहे हैं खुशबू के कारण वहां का वातावरण गंदा कर रहे हैं हम अपने हिंदू धर्म में पढ़ते आए हैं कि बास को नहीं जलाया जाता इन अगरबत्तियों की सीक बास से बनी होती हैं उसे सभी जलाते हैं घर का जितना भी निर्मल्य है हवन का किया हुआ सामान है उसे पॉलिथीन में बंद करके पवित्र नदी में बहा देते हैं यूं कहें कि हमारे घर से निकलने वाले सभी भगवान की पूजन सामग्री जय गंगा मैया जय नर्मदा मैया जय यमुना मैया जय ब्रह्मपुत्र मैया डालकर बहा देते हैं नहाने के लिए जाते हैं तो कई तरह के शैंपू के पाउच तेल क्रीम डिटर्जेंट के पाउच प्लास्टिक के दिए यह सब कुछ उन्हीं स्थानों पर छोड़ कर आते हैं स्वच्छ स्थान को गंदा करके आते हैं बाद में कहते हैं हम तो पूजा करके आए हैं स्वच्छ स्थान मैं गंदगी फैला आए अन्य स्थानों पर इन सभी पॉलिथीन को रैपर को जला दिया जाता है लोगों को वहां भोजन करवाते हैं भंडारा करवाते हैं पानी के पाउच डिस्पोजल ग्लास प्लेट चम्मच वही पवित्र नदियों के आसपास छोड़कर आते हैं ताकि गंदगी ना दिखे पर बीड़ी सिगरेट प्लास्टिक का जलना इससे वायु अत्यंत प्रदूषित हो रही है।

ऐतिहासिक स्थानों पर जाकर कई तरह के नाम लिखकर आते हैं देश की धरोहर पर अपनी प्रेमी या प्रेमिका के नाम लिखकर आते हैं जैसे कोई बहुत बड़ी मैदान मार दिया और सबसे बड़ी बात है गुटके की पीक पान की पीक यह सभी राष्ट्रीय धरोहर की दीवारों पर गंदगी फैला कर आते हैं कई तरह के सॉफ्ट ड्रिंक फास्ट फूड का आनंद लेने के लिए उसे स्थान पर डिस्पोजल ग्लास प्लेट चम्मच जगह-जगह फैला देते हैं हमारे देश में पुरातत्व विभाग में कई करोड़ एवं हजारों साल की धरोहर हैं l इसे मजाक में ले लोग बिगाड़ने में लगे रहते हैं जबकि यही स्थिति हजारों रुपए खर्च करके जब यह विदेश भ्रमण में जाते हैं तो वहां पर 100, 200 साल के संरक्षित स्थान को देखने के लिए सैकड़ो रुपए देते हैं यह अत्यंत चिंता का विषय है चिंतन मनन का विषय है और राष्ट्र के हर व्यक्ति का राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व बनता है कि वह इन स्थानों को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दें नियम बहुत बने हैं इसका पालन करना हर व्यक्ति का प्रथम कर्तव्य है।

हाल में ही नैनीताल के कई स्थानों में आगजनी की घटनाएं हुई उसमें लोगों के द्वारा फेक हुए रैपर डिस्पोजल ग्लास प्लेट जो की सड़क के आजू-बाजू पड़े थे किसी व्यक्ति ने जलती सिगरेट डाल दी धीरे-धीरे सुलगते वह आग बहुत फैल गई हमारे एक परिचित दंपत्ति ने बताया कि वहां का वातावरण हर तरफ धुआं धुआं गर्मी और वह आग धीरे-धीरे पूरे नैनीताल के वातावरण को प्रभावित कर चुकी है वे इस संस्थान के बीच में ही अपने टूर को छोड़कर निकल आए
यही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में कोई स्थान घूमने लायक नहीं बचेगा हमारी लापरवाही ना समझी और जागरूकता के अभाव में

डॉ सरिता अग्निहोत्री ‘सजन’
मंडला मध्य प्रदेश

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