Search for:

होली आयी री

होली आयी री
प्रकृति में रंग भर रहा है,
टेसू का पुष्प चमक रहा है।
महक रहा है फागुन.
चहक रही पक्षियों की धुन।।१
देखो आई री होली !
वृंदावन में मची है धूम,
कान्हा संग खेलती होली।
राधा के संग गोपियों की टोली,
ब्रज में रंग फाग की धूम।।२
देखो आई री होली !
जल की सतरंगी बौछारें,
आसमान में, रंग जमाते फव्वारे।
टेसू गुलाल से रंग दे कान्हा रे
पिया संग खेलू होली की फुहारे।।३
देखो आई री होली !
अंबर ने ओढ़ी चादर केसरिया,
धरा ने पहनी हरित रंग चुनरिया।
श्याम रंग में सारा जग बावरिया
फागुन की मस्ती गांव डगरिया।।४
देखो आई री होली !
भक्त प्रह्लाद की स्मृति कराती होली,
मौसम बसंत सुहाना आगमन।
दिलों में रंग भरती होली,
प्रकृति का श्रेष्ठ उपहार है होली।।५
देखो आई री होली!
डॉ. विजय पाटिल
शिक्षक सह साहित्यकार
जिला बड़वानी मप्र

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required