जिह्वा रट ले राम का नाम
जिह्वा रट ले राम का नाम
रे मन कब लोगे विश्राम , जिह्वा रट ले रघु का नाम।
बन जाएँगे सारे काम , जब बोलोगे जय श्रीराम।।
भाव सदा रखना निष्काम , भाव समर्पण बस है दाम।
अवधपुरी है पवन धाम , उनके पग हो जीवन शाम।।
रे मन कब लोगे विश्राम,ढल जाएगी जीवन शाम।
बोलोगे यदि सीताराम , बिगड़े भी बनते तब काम।।
पुलकित मन में जागी आस , मैं हूँ प्रभुजी चरणों दास।
मर्यादा के हैं अवतार ,रघुवर सुंदर जीवन सार।।
ऋतु अग्रवाल
मेरठ – उत्तर प्रदेश