आया वसंतोत्सव -होली आई
आया वसंतोत्सव -होली आई
समस्त वर्णों का पर्व!
कर्मठ कृषकों का पर्व!
पूर्णिमा यह फाल्गुन की!
लाती रंग ये उल्लास की!
लहलहाती फसलें हरी !
पकी बालियाॅं सुनहरी!
शीत ले चला ऋतु शरद!
फूला न समाया करद!
मन सराबोर रंगों से!
तन अबीर- गुलालों से!
भुनते गेहूँ की बालें !
मकई , चने के होले!
वसंत के आगमन का सूचन!
द्वेष , बैर भावना का दमन!
सभी बंधनों से है परे!
सुध लाए प्रेम- भाईचारे !
रंगों से भरपूर ये गुब्बारे!
ढोल पर गाते रे हुरियारे !
फैला सामाजिक समरसता!
निर्मल परिवेश उज्ज्वलता!
खिले प्रसून पलाश , सरसों की खुशियाँ!
अमराइयों में सुगंधित आम्र मंजरियाॅं!
भ्रमर मॅंडराते ऊर्ध्व सुमन- कलियाँ!
बैंगनी, गुलाबी, पीली पिचकारियाॅं !
मंजीरे, ढाप की ध्वनि पर फाग के गीत!
सूचित बुराई पर अच्छाई की जीत!
डाॅ पी वी शोभा
हिन्दी विभागाध्यक्षा
संत एग्नेस पी यू काॅलेज
मंगलूर , कर्नाटक – 575002