विश्व मातृभाषा दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन
औरंगाबाद – सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह ने किया मातृभाषा की उपादेयता, उन्नत कराती राष्ट्रीयता विषयक विचार गोष्ठी में संस्था के संस्थापक संगम त्रिपाठी के आह्वान पर संबोधन के क्रम में संस्था के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर मातृभाषा की उपादेयता राष्ट्र गौरव को बढ़ाने वाली होती है क्योंकि हम जो बोली बोलते हैं वह उन्नत होकर भाषा का रूप धारण कर लेती है।1826 ई तक हिंदी को खड़ी बोली के रूप में मेरठ के आसपास बोली जाती थी लेकिन जब यह राष्ट्र प्रेम से जुड़ी राष्ट्रीयता की भावना की चादर ओढ़ ली तो यह खड़ी बोली आज राजकीय भाषा हिंदी के रूप में प्रतिष्ठित हो गई। मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना को बढ़ाती है। इस दिवस को मनाने का मूल उद्देश्य भाषाई,बहुभाषावाद सांस्कृतिक विविधता को महत्व देना है। जब हम किसी राष्ट्रीय स्तर के मंच पर शिरकत कर रहे होते हैं तो हमारी पहचान हमारी मातृभाषा ही बनती है। जैसे ही हम वक्तव्य का शुभारंभ करते हैं तो हमारी आवाज और ध्वनि का प्रकार मातृभाषा से ही निकलता है चाहे हम कितने प्रगाढ़ भाषा की गंभीरता को हम ओढ ले लेकिन मातृभाषा हमारी छुटती नहीं है। आज एक बार फिर पूरा विश्व हमारी और दृष्टि किए हुए हैं कि कब हम अपनी हिंदी भाषा को पूर्ण राष्ट्रभाषा के रूप में दर्जा दिलाकर प्रतिष्ठापित करतें हैं। विचार गोष्ठी के मौके पर जितेंद्र कुमार सिंह, राहुल कुमार,पवन कुमार सिंह,राणा सुनील सिंह, अधिवक्ता राम पुकार ओझा, गायक अमित कुमार सिंह, सोमप्रकाश रविकर,सौरभ राज सहित अन्य उपस्थित थे।