दोस्त
दोस्त दोस्त मतलब , खुशियों का भरापूरा संसार न उदासी ,न कोई गम बस प्यार ही प्यार। दोस्त मतलब, जो छीन ले आँखों की नमी मुस्कुराहटें देकर , पूरी करे हर रिश्ते की कमी। दोस्त मतलब, खडा़ जो हर मुसीबत में साथ गल्तियां बताये , पर छोडे़ न कभी भी [...]
दोस्त दोस्त मतलब , खुशियों का भरापूरा संसार न उदासी ,न कोई गम बस प्यार ही प्यार। दोस्त मतलब, जो छीन ले आँखों की नमी मुस्कुराहटें देकर , पूरी करे हर रिश्ते की कमी। दोस्त मतलब, खडा़ जो हर मुसीबत में साथ गल्तियां बताये , पर छोडे़ न कभी भी [...]
प्यार से हमको बुलाया तो करो कभी तुम प्यार से हमको बुलाया तो करो कभी तुम प्यार का इजहार तो किया करो हां, मुझे तुमसे प्यार बढ़ता जा रहा है हां, थोड़ा-थोड़ा ही सही दिल को तुम पे विश्वास होता जा रहा है पर मैं सोचती हूं कि तुम्हें मुझ [...]
घरौंदा ( लघुकथा) भारत में रह रही मम्मी से मिलने की बात बीबी से करता है रोहित। “मेरी डार्लिंग! मेरी छुट्टी को भी मंजूरी मिल गई है” “हां सुनो, मम्मी के लिए खास शॉपिंग कर लेना,जो उन्हें पसंद है,तुम तो जानती ही हो की मम्मी कितनी चूजी हैं।” “हां रोहित [...]
आदित्य – शिव स्तुति शिव ॐ कार, शिव चंद्रभाल, शिव महादेव, शिव व्याघ्र छाल, शिव महाकाल, शिव नील कंठ, शिव त्रिशूलधर, शिव भो कराल। स्वरूप सुंदर सत्य शिवॐ का, जटा जूट सी घटा सुव्योम की, किरीट शीश सोम चन्द्रभाल का, बहती रहे सुधारधार श्रीगंग की। त्रिनेत्र नेत्र तीसरा ललाटभाल, प्रदीप्त [...]
सुहागिन स्त्री जब पति विदेश जाता है पैसे कमाने तब पत्नी लिखती हैं। नर्म हाथों की हिना महंकी हुई बन जाएंगे, दिन गुलाबी और रातें शबनमी बन जाएंगे। जो बैठे हो दूर शहर मे,ओ मेरे प्यारे साजन, हमारी तुमको याद न आई, ओ मेरे प्यारे साजन। प्यार के रंगों से [...]
रोटी रामधीर को साहित्य का नशा चढ़ गया था, रह रह कर सारा ध्यान साहित्य की ओर खिंचा चला आता था । आय का जरिया बिलकुल नहीं । साहित्य से कोई आमदनी नहीं होती और परिवार चलाना मुश्किल हो गया था । आर्थिक तंगी से तंग आकर रामधीर ने आखिर [...]
डा. संजीदा खानम “शाहीन” को मुंशी “प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान” …………………….. मुंशी प्रेमचंद की 144 वीं जयंती पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा(अभाकास) द्वारा जयपुर स्थित इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान के सभागार में तीसरा राष्ट्र स्तरीय मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न समारोह 2024 आयोजित किया गया। जिसमे जोधपुर की कवयित्री व [...]
‘तुझे शत-शत नमन है’ नमन है! नमन है! तुझे- तुझे शत – शत नमन है! हे चित्रांश गौरव, हे युग श्रेष्ठ – साहित्य की सच्ची पहचान! तुझे नमन है..! निष्पक्ष, निर्भेद, निर्विवाद- स+ हित को समेटे – दलित, किसान, सर्वहारा महिला, अछूत, सर्व वर्गों की पीड़ाओं को लपेटे- सृजा तुमने [...]
( प्रेमचंद जयंती विशेष ) मुंशी प्रेमचंद की प्रासंगिकता प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936). हिंदी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक थे। उनका मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचन्द के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास [...]
मुंशी प्रेमचंद जी “प्रेमचंद जी की कलम से निकले शब्द, साहित्य की दुनिया में अमर हो गए। ग्रामीण जीवन की सच्चाई को उन्होंने दिखाया, और समाज की बुराईयों पर प्रकाश डाला。 उनकी कहानियों में जीवन की सच्चाई है, और उनके शब्दों में दिल की आवाज है। प्रेमचंद जी का साहित्य [...]