Search for:

कौन किसी का होता है

कौन किसी का होता है

ओ जीवन राहें बदल ज़रा, कौन किसी का होता है,
विश्वास खोजने निकला हूँ, जब तार-तार दिल होता है।
झटके खाते खाते जीवन, सूखी आँखों से रोता है,
दिन – रात की आपा धापी में बस उसे रिझाने निकला हूँ।
काम, क्रोध, मद, लोभ मिटाकर,
स्वर्ग बनाने निकला हूँ,
सन्त-असंत नमन है सबको, यह भजन सुनाने निकला हूँ ।
जीवन जीने की हर स्थिति, हर पहलू मैने देखा है,
हर पड़ाव पर मोड़ मिले, सुख- दुःख आते देखा है।
सुख दुख का अंबार मिला, पतवार सम्भाले गुजरा हूँ,
बदला बदला है जीवन, खुशियाँ तलाशने निकला हूँ।
अपना बन छुरा भोंकने वालों से, दूरियाँ बनाने निकला हूँ,
मतलब की दुनिया है सारी, सारी गलियों से गुजरा हूँ।
तू बदल जिंदगी थोड़ा सा,विश्वास खोजने निकला हूँ,
संगति में हैं जो लोग मेरे, सुख उन्हें दिलाने निकला हूँ ।
संतोष किया ‘आदित्य’ ने, ग़म भुला भुला कर सोता है,
ओ जीवन राहें बदल ज़रा, कौन किसी का होता है।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’ लखनऊ

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required