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मताधिकार, लोकतंत्र की ताकत

मताधिकार, लोकतंत्र की ताकत

लोकतंत्र का पर्व यह,
आओ इसे मनाए।
चुने नेक सरकार को,
वोट डालने जाए।।

संविधान ने शक्ति दी,
वोट की करें चोट।
ऐसे को वोट न दीजिए,
जिनमे लागे खोट।।

नेता मिल ऐसा चुने,
देश का रखे मान।
कायम रखें सद्भावना,
हो खुशहाल किसान।।

दल बदलू नेता बुरे,
इनका नहि ईमान।
बिन पैदी लोटा फिरे,
जिनकी कोऊ न शान।।

वोट उसे मत दीजिए,
ना जाने निज धर्म ।
जनता की जो ना सुने ,
न लगे दीन का मर्म ।।

देश की सुरक्षा में सदा,
निर्णय लेता शख्त,
जन जन की सेवा करें,
हो कृषक आशक्त।।

संविधान को मान दें,
उसे नवाये मांथ ।
सबकी सुरक्षा में खड़े,
उसका दो तुम साथ।।

मजहब का घोले जहर,
पास ना उनके जाव।
समता की हो थापना,
वोट ताय दे आव ।।

कर जोड़ विनती करें,
कहि प्रशांत समझाएं।
समझदार बन वोट दें,
एकऊ व्यर्थ न जाए।।

भगवान दास शर्मा “प्रशांत”
शिक्षक सह साहित्यकार इटावा उत्तर प्रदेश
दूरभाष:70 177 77 083 ईमेल:bhagwandas.das@rediffmail.com

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