हिन्दी
हिन्दी जनमानस की भाषा,
सिंचित करती मानव मन,
पूरी करती सारगर्भित
भावों की अभिव्यक्ति की अभिलाषा।
हिन्द की मिट्टी की खुशबू हिन्दी,
सभी बोलते हिन्दी,
चाहे वे गुजराती हों या हों सिन्धी।
हिन्दी सभी भाषाओं में
सबसे उर्वर,
बोली जाती है हर घर,
अभी तक हिन्दी है उपेक्षित,
बनानी है इसे राष्ट्र भाषा,
तभी पूरी होगी
भारत माता की अभिलाषा।
–बिनोद कुमार पांडेय
नोएडा