हिंदी है अपनी भाषा
हिन्दी है अपनी भाषा
सुन्दर सपनें उज्वल आशा;
हिन्दी सी नहीं दूजी कोई,
अंग्रेजी तो है सदा सौतेली माई।
हिन्दी में पढ़ो ,लिखो,बोलो,
हिन्दी में ही अपने आपको घोलो ;
हिन्दी सी कोई प्यारी नहीं,
अंग्रेजी कभी हमारी नहीं।
हिन्दी है हमारी राष्ट्रीय अस्मिता,
हिन्दी बिना न होगी एकता;
हिन्दी बिना नहीं चारा कोई
हिन्दी ही केवल अपनाओ भाई ।
जन-जन में फैलाओ आज
माता हिन्दी की यह आवाज;
हो एक तन-मन-धन
बढ़ाओ हिन्दी से अपनापन।
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सुब्रत दे
सम्पादक – हिन्दी ज्योति
सम्बलपुर – उड़ीसा