वीरांगना दुर्गावती(नारी)
वीरांगना दुर्गावती(नारी)
रानी ओ महारानी ओ ,चन्देलों की रानी है।.
गढ़ा मण्डले की रानी थी ,उसकी अजब कहानी है ।
जिन्दगानी का छोड़ भरोसा ,टकराई तूफानों से
भारतवासी तुम भी जागो , सबक सीख लो रानी से
नहीं मरी है अमर हुई है,उसकीअज़ब निशानी है
गढा़ गौड़वाने की रानी ,उसकीअज़ब कहानी है।।
हाथी पर जब बैठ सिंहनी ,चलती थी रणचंडी सी
आँधी -तूफां बिज़ली गिरती ,ख़ून से खप्पर भरती थी
कौन वीर आगे फिर आए ,किसमें कितना पानी है
गढ़ा मण्डले की रानी थी ,उसकी अजब कहानी है ।।
अमर हुई है रानी ग़ढ़ की ,लगता ऐसी बैठी है
हम लोगों को कहती ,देख़ो मुझमें हिम्मत कैसी है
नारी होकर आगे आई ,भगा मुग़ल अभिमानी है
गढ़ा मण्डले की रानी थी ,उसकी अजब कहानी है ।।
मदन महल तुमने झेली है ,भीषण गर्मऔर बरसात
होते दुख़ देखा है तुमको ,और बताया है इतिहास
मारा -मार मचाती रण में ,चंदेलों की निशानी है
गढ़ा मण्डले की रानी थी ,उसकी अजब कहानी है ।।
लाखों वीरों में बढ़ करके ,वीर नारायण जूझे थे
काली कहते खेळ उसी का ,मात शारदा पूजे थे
कुआँ बाबली ताल तलैया ,गढ़ा की अज़ब निशानी है
गढ़ा मण्डले की रानी थी ,उसकी अजब कहानी हैं।।
काली दास ताम्रकार काली जबलपुरी
फिल्मी गीतकार