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आखिर कौन है थर्ड जेन्डर (किन्नर) एवं ट्रांसजेन्डर

आखिर कौन है थर्ड जेन्डर (किन्नर) एवं ट्रांसजेन्डर

जिन्हें हम थर्ड जेन्डर या किन्नर कहते हैं अक्सर इन्हे देखकर आवस मे हँसते है कभी उनकी चाल पर ताली पर फबतिया तो कभी उनके पहनावे पर टिपण्णीया पर क्या सोचा है कभी कितना सहते होंगे अपने माता पिता से बिछड़ कर तड़पते होंगे लेकिन इनके चेहरे पर सदा मुस्कान रहती है।

होठों पर हमेशा सभी के लिए दुआएँ ही रहती हैं क्या कभी ये भी रोते भी होंगे किसी अपने की गोद मे सर रखते होंगे आखिर क्या है ये थर्ड जेन्डर या फिर किन्नर बस सब कुछ तो वैसे ही है बस वो घर नहीं बसा सकते किसी का बलात्कार नहीं कर सकते किसी का घर नहीं उजाड़ सकते है।

तो लोग क्यो हँसते है उन्हें अपने जैसा क्यो नहीं समझते न ही सम्मान का अधिकार देते न ही प्रकृति हर जड़ चेतन मे थर्ड जेन्डर बना है ये ईश्वर की ही सरचना है उनकी कृति ही है ये आम लोगों की तरह छल कपट नहीं करते हैं किसी के लिए कभी बादुआ नहीं देते हैं हर समय इनका मुस्कुराता चेहरा देख कर सब मुस्कुराने लगते हैं।

ये हमसे अलग नहीं हम जैसे ही है इनकी जाती पाती से परे है भेदभाव से अलग दुनियाँ है कोई अमीर गरीब नहीं है बस प्यार की दुनियाँ है इनमे भी भावनाएं होती होगी हमारे हँसने से दिल इनका आहत होता होगा तो इन पर हँसने की बजाए ईश्वर को धन्यवाद दीजिए।

तुम्हें इनके जैसा नहीं बनाया अपनो से दूर नहीं किया इनके दर्द को महसूस कर कभी हँसना नहीं कभी ये मिले तो बस एक प्यार भरी मुस्कान दे देना थोड़ी देर सही बस अपना हिस्सा बना लेना दिल से थर्ड जेन्डर का भाव हटा कर इंसान समझ लेना।

अंतर्राष्ट्रीय
हास्य कवि व्यंग्यकार
अमन रंगेला “अमन” सनातनी
सावनेर नागपुर महाराष्ट्र

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