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विषय:संपर्क भाषा के रूप में हिंदी की भूमिका

विषय:संपर्क भाषा के रूप में हिंदी की भूमिका

हिंदी एक विशाल और विविध देश की संपर्क भाषा के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।आज विश्व में तीसरे स्थान पर अपना स्थान बना चुकी है।
यह भारत की राष्ट्रीय भाषा है और देश के विभिन्न हिस्सों में बोली जाती है। हिंदी की संपर्क भाषा के रूप में भूमिका निम्नलिखित है:

1. राष्ट्रीय एकता: हिंदी देश के विभिन्न हिस्सों में बोली जाने वाली एकमात्र भाषा है, जो राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देती है। यह देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को एक साथ जोड़ती है।

2. सांस्कृतिक आदान-प्रदान: हिंदी विभिन्न संस्कृतियों के बीच संपर्क का माध्यम बनती है, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है। यह विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृतियों को एक साथ लाती है।

3. शिक्षा और साहित्य: हिंदी में विशाल साहित्य और शैक्षिक सामग्री उपलब्ध है, जो शिक्षा को बढ़ावा देती है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा की पहुंच को बढ़ाती है।

4. संचार: हिंदी मीडिया, पत्रकारिता, और संचार के अन्य माध्यमों में प्रयोग की जाती है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में संपर्क बनता है। यह समाचार और जानकारी को देश के कोने-कोने में पहुंचाती है।

5. आर्थिक विकास: हिंदी व्यापार और उद्योग में संपर्क का माध्यम बनती है, जिससे आर्थिक विकास होता है। यह व्यापारियों और उद्यमियों को एक साथ जोड़ती है।

6. सरकारी कामकाज: हिंदी सरकारी कामकाज में भी प्रयोग की जाती है, जिससे सरकार और नागरिकों के बीच संपर्क बनता है।

7. सामाजिक एकता: हिंदी सामाजिक एकता को बढ़ावा देती है, जिससे समाज में समरसता और एकता बनती है।

इस प्रकार, हिंदी संपर्क भाषा के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो देश की एकता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, शिक्षा, संचार, आर्थिक विकास, सरकारी कामकाज, और सामाजिक एकता में योगदान करती है।

–डाॅ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर,बिहार

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