मगही एवं हिंदी भाषा के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो भरत सिंह के निधन पर साहित्यकारों में शोक की लहर
मगही एवं हिंदी भाषा के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो भरत सिंह के निधन पर साहित्यकारों में शोक की लहर
औरंगाबाद 17/6/24
सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद द्वारा मगध विश्वविद्यालय के हिंदी एवं मगही विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ भरत सिंह जी के आकस्मिक निधन पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया।विधायक प्रतिनिधि सह मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह के नेतृत्व में उपस्थित लोगों ने डॉ भरत सिंह के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा एवं उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे हिंदी और मगही भाषा के लिए समर्पित रहने वाले साहित्यकार के रूप में जाने जाते थे। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह एवं महामंत्री धनंजय जयपुरी के आह्वान पर उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पिछले वर्ष औरंगाबाद जिले में कई पत्रिकाओं के विमोचन के मौके पर उनका औरंगाबाद आगमन हुआ था।विमोचन के मौके पर मगही में अपनी भाषण की शुरुआत करते थे।कहा करते थे कि मातृभाषा मगही के आंचल वाला चादर हम ओढकर बैठे हैं। जब तक हम मगही का विकास नहीं करेंगे तब तक हिंदी भाषा को हम राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिला सकते।उनके निधन से पूरे मगध प्रमंडल में साहित्यिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।शोकसभा के मौके पर समाजसेवी कृष्णा मेहता,वैश्य समाज जम्होर के सचिव संजय गुप्ता,राणा सुनील सिंह,प्रिंस कुमार,राहुल कुमार,मुन्ना कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।