Search for:

बंधन प्यार का ( कहानी )

बंधन प्यार का
( कहानी )
आज मंगल कार्यालय में शहनाई
के सुमधुर स्वर सुनाई दे रहे थे।मेहमान आना शुरू हो गए थे। शादी में रिश्तेदार,मित्र और परिचित व्यक्तियों को निमंत्रण दिया गया था।
शादी रात को संपन्न हो गई।सारे मेहमान खाना खाकर चले गए। अब तो घर के सदस्य बाते कर रहे थे।
सबका खाना होने पर अब हॉल का और केटर का बिल दे देने पर सब अपने घर समृद्धि को जो इस घर की बहू थी उसे गृह प्रवेश करवाया।राहुल ने तो समृद्धि को हीरे का सेट भेंट में दिया था ,वो तो ये भेंट देखकर बहुत खुश थी।
समृद्धि को तो सब सपना लग रहा था,उसे ससुराल बड़ा अच्छा मिला था,साथ मे दिलोजान प्रेम करनेवाला
पति मिला था। वह अपने आपको
भाग्यवान समझती थी। राहुल भी समृद्धि से शादी होने पर बड़ा प्रसन्न
दिखाई देता था।
सुबह की सुनहरी किरणे गुलाबी रंग के पर्दे के पीछे से समृद्धि की आंखों पर आई तो उसके हाथों में पहनी हुई
हरे रंगकी चूड़ियां खनक उठी।सासू मां ने उसे कानों के सोने के झुमके और बनारसी साड़ी मुँह दिखाई में भेंट की थी। उसे देख कर वो खुशी से झूम उठी थी। उसकी नज़र पड़ी तो रसोई घर से गरमा गरम चाय लेकर राहुल आ रहा था।उसने चाय देते हुए कहा “लीजिए रानी सरकार सिर्फ आपके लिए”चाय की वो मोहब्बत भरी प्याली दे रहा था इतने में घर के सब सदस्य वहाँ आये उन्होंने उसे कहा अरे ! शरमा मत ले बेटी ,ये तो स्पेशल चाय है।
अंजली तीन साल की मासूम लड़की
डिश में पारले g के बिस्कुट लेकर दादी के पास खड़ी रही।राहुल की बेटी बहुत सुंदर थी बिल्कुल अपनी माँ की तरह ,उसकी आँखें भी माँ के जैसी,राहुल ने उसे गोद में उठाया।
कामिनी राहुल की पत्नी दो साल पहले बीमारी की वजह से चल बसी। राहुल ने ही अंजली को बड़े प्यार से उसकी देखभाल की।जब राहुल समृद्धि से मिलता था तब अंजली की
ही बात करता था। राहुल कभी मोबाइल पर मैसेज तो कभी वीडियो कॉल दिनमें एक बार करता था।शादी से पहले वो दोनों होटल में खाना खाने जाते थे।कब दोनों वो इतने करीब आये ,उनको पता ही नहीं चला।इधर समृद्धि को पता था कि राहुल विवाहित है और एक बेटी का बाप है पर बंधन प्यार का था। अब तो समृद्धि के नया चेलेंज था ।समृद्धि के घर पर माता इस शादी से नाराज़ थी ,फिर भी उसने राहुल से शादी की।वैवाहिक जीवन की शुरूआत तो हो चुकी थी।जब राहुल समृद्धि को गले लगा रहा था तब उसकी बेटी अंजली वहाँ आकर समृद्धि की साड़ी
खिंचती है और प्यार से माँ कहकर पुकारती है ,उसकी मुस्कुराहट देख कर समृद्धि तो उसे गोद मे उठाकर प्यार करती है।राहुल भी समृद्धि के कंधे पर हाथ रखता है।अब आज से
एक नए रिश्ते की शुरुआत होती है।
अब चाहे कितने भी संकट आएंगे हमारी जिंदगी में हम ये बंधन प्यार का निभाएंगे।

अविनाश खरे
पुणे महाराष्ट्र

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required