आंदोलन (अंग्रेजो भारत छोड़ो)
आंदोलन (अंग्रेजो भारत छोड़ो)
आंदोलन करना ही था जब
देश जंजीरों में जकड़ा था
गुलामी की बेड़ियों में हर
इंसान कैद था जंग करनी
थी और आजादी का जश्न
मनाना था यहां सब फिरगी
को देश से बाहर निकाल
फेंकना ही जिंदगी का दायित्व
था। फिरंगियों के अत्याचार से
मां बेटियां नारी बच्चा बड़ा
जवान सब बंधुआ मजदूर
बने हुए थे लोगो की पीड़ा दुख
का पिटारा भर चुका अब क्रोध
की ज्वाला भड़की और फिरंगियो
की माला टूटी।
आंदोलन की चिंगारी लगी
गांधी जी ने भारत
छोड़ो आंदोलन किया।
सुभाष चंद बोस बोले तुम मुझे
खून दो में तुम्हे आजादी दूंगा
बाल गंगाधर तिलक का नारा
स्वतंत्रता मेरा जन्म सिद्ध
अधिकार है
अनगिनत सिपाही आगे आए
और इंकलाब ज़िंदाबाद का बिगुल
बजा डाला सत्याग्रह आंदोलन
कर डाला।
किसानों को लगान मुक्त कराना था
लोगो को अत्याचार से बचाना था
इसीलिए अंग्रेजो को भारत से
भगाना था।
डॉक्टर संजीदा खानम शाहीन