साहित्यिक आयोजन संपन्न
साहित्यिक आयोजन संपन्न
बुलंदशहर – साहित्यकार संगम खुर्जा के तत्त्वावधान में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्री नारायण समाचार पत्रालय खुर्जा, बुलंदशहर (उ. प्र.)में एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया l सर्व प्रथम संस्था के संरक्षक डॉ. केशव कल्पांत व अध्यक्ष ने सरस्वती के चित्र के सम्मुख पुष्पार्चन कर दीप प्रज्ज्वलन किया l काव्य गोष्ठी का संचालन संस्था के सचिव डॉ. बिश्वम्भर दयाल अवस्थी ने किया l काव्यगोष्ठी का शुभारम्भ सरस्वती वंदना से किया गया l डॉ. केशव कल्पांत ने -परिंदों के घरौंदे छीनकर, कौआ दरिंदा हो गया l नफरत फरेबी के चलन का, इंसा पुलिंदा हो गया ll डॉ. बिश्वम्भर दयाल अवस्थी ने -सच्चा गुरु ज्ञान का सागर, दोष दूर करे ज्ञान उजागर l जाति धर्म जिसे छू न पाए, अंतस है श्रद्धा की गागर ll जय प्रकाश शर्मा ने -जिंदगी तो है प्यार की परिभाषा l जी रहे हैं लिए यहाँ अभिलाषा ll डॉ. साधना अग्रवाल ने -मेरी वीथी का समापन हो गया l तोड़कर सम्बन्ध पक्षी उड़ गया ll घोंसला सूना सघन वन हो गया l बोरी वीथी का समापन हो गया ll प्रेम कुमार शर्मा ने – भारत है गुरुओं की भूमि, गुरु यहाँ पर रहते हैं l अज्ञान तम को मिटा यहाँ से, ज्ञान प्रकाशित करते हैं ll ऋतू गुप्ता ने कहा -बस तुम घर लौट आना l यदि कोई बात तुम्हें करे निराश l सोचना मत ज्यादा न होना उदास l दो जोड़ी आँखें सदा ही नेहा लुटाएl माँ बाप तुमसे यही कह पाए l सभी कवियों ने अपने काव्य पाठ से सभी श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया l इस दौरान राजेंद्र प्रसाद, एल. बी.चौरसिया, राम निवास कंसल, केशव कल्पांत, डॉ. बिश्वम्भर दयाल अवस्थी, श्रीचंद गुप्ता, मनीष गुप्ता आदि मौजूद रहे l