होलिका महोत्सव
होलिका महोत्सव
होली रंगों का त्यौहार देता है पौराणिक संदेश
ईश्वर अपने भक्तों की रक्षा कर देते हैं उपदेश
बुराई पर अच्छाई की विजय का होली त्यौहार
हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को दिया था दुत्कार
भक्ति करता था ईष्ट विष्णु का दिल से सत्कार
राक्षस भयभीत था दिया बहन को अधिकार
होलिका बैठो अग्नि में लेकर मेरे प्रिय प्रहलाद
था अटल हरि नाम में होलिका जलकर हुई राख
शिव लीन थे भक्ति में लगाए थे तपस्या में ध्यान
कामदेव ने आकर चलाया शिव पर पुष्पबाण
तपस्या भंग हुई क्रोध में खोला तीसरा नेत्र
कामदेव भस्म हुआ रति रोने लगी भर नेत्र
रति ने शिव की तपस्या की पुनर्जीवित के लिए
शिव जीवित किया कामदेव पुनः सृष्टि के लिए
कंस भेजा पूतना को गोकुल कृष्ण वध के लिए
कृष्ण पीते रहे दूध पूतना का वध करने के लिए
कृष्ण राधा का प्रिय है यह होली का त्यौंहार
प्रभु हमें भी दर्शन दो अपनी गोपियों के साथ
डॉ. कृष्ण कान्त भट्ट
एस वी पी सी
बंगलौर कर्नाटक