लघु कथा- “हरियाली और हम”
लघु कथा- “हरियाली और हम” “नम्रता! चलो आज सुदूर पठारों पर आच्छादित वनस्पतियों की ओर।शहर के शोर और तनावपूर्ण दिनचर्या से मन ऊब गया है।दो दिनों की छुट्टी मिली है।शहर में रहने और जीने की विवशता से हम कहां उबर पाते हैं।” सुधीर के सुझाव से नम्रता सहमत होते हुए [...]