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नशा

नशा नशा मुक्त देश बनाओ हर दिल में ये दीप जलाओ नशा एक अभिशाप है इसको जल्दी दूर भगाओ नशा बहुत जहरीला है उम्र को खा जाता है बर्बाद आसूओ के भंवर में इन्सां जो फंस जाता है मुसीबतों और तक़लीफो की भरमार से जीवन भी दुश्वार है इसीलिए नशा [...]

नारी नए युग का तुम निर्माण करो

नारी नए युग का तुम निर्माण करो उठो नारी, ‘नए युग का तुम निर्माण करो’। तुम शक्ति स्वरूपा, तुम स्वयंसिद्धा। अब तुम को ही स्वयं स्नेह रस से, नए युग के भवन की नींव भरनी है। आज तुम्हारे रूप का तेज फिर दमके। नए निर्माण से पहले पुरातन को बदलो। [...]

सबको प्यारी हिंदी भाषा

सबको प्यारी हिंदी भाषा बाँध रखा है जिसने सबको, अपनेपन की डोर से | सबको अपनाए ,रहे दूर वह, भेदभाव के शोर से | जाति-धर्म हो कोई किसी का , माने सबको वह अपना | दिल की बात पहुँचे मन तक, परस्पर प्रेम बढ़े, इसका सपना | अनपढ़- ज्ञानी सब [...]

हिन्दी पहचान हमारी है

हिन्दी पहचान हमारी है भारत माँ भाल की बिन्दी ,अभिमान हमारी है भारत देश का गौरव ,हिन्दी पहचान हमारी है संस्कृत भाषा से जन्मी लगती हमको प्यारी है हर भाषाओं से रूचिकर लगती सबसे न्यारी है हिन्दी से उत्थान देश का इससे शान हमारी है भारत देश का गौरव हिन्दी [...]

भक्ति आंदोलन में हिन्दी भाषा

भक्ति आंदोलन में हिन्दी भाषा साहित्य जगत का मध्यकाल जो भक्ति काल कहलाता है, भक्ति आन्दोलन में हिन्दी भाषा विकसित खूब हुई फली फूली है। भारत के तत्कालीन भक्त कवियों ने, अपनी लिखनी को जन-जन तक हिंदी भाषा के सहारे पहुंचाया है, हिंदी ने भक्तिकाल में गौरव पाया है। भक्तिकाल [...]

वही हिंदी लाया हूँ

वही हिंदी लाया हूँ ————————— वही हिंदी लाया हूंँ, जो वर्षों मेरे साथ रही, मैं जहांँ भी चला चली वहीं, मैं जहांँ पे ठहरा थी ठहरी। वही हिंदी लाया हूँ, जो वर्षों मेरे साथ रही। जिसकी उंँगुली पकड़ के मैंने, नित बढ़ना सीखा है, जिसके ही द्वारा अपने, शब्दों को [...]

हिन्दी की अनिवार्यता

हिन्दी की अनिवार्यता बहुभाषी है हिंदी जिसको , हमको आगे करना है । राष्ट्रभाषा हो हिंदी अपना, मिलकर सबको कहना है ।। हिंदी वार्तालाप ना हुआ, समझ नहीं हम पाते हैं । अपने ओछेपन का कोई , अन्य लाभ उठाते हैं ।। अदालत में जाकर हम सब, ठगा हुआ सा [...]

एक आदर्श अध्यापक के आदर्श विचार

एक आदर्श अध्यापक के आदर्श विचार एक पचास वर्षीय प्रतिष्ठित शिक्षक अपने ८५ उम्र पा चुके पूर्व शिक्षक के बारे में ज्ञात होते ही, बिना विलम्ब किये, उनसे पाँव-धोक करने के साथ-साथ कृतज्ञता ज्ञापित करने पहुँचे। लेकिन उसको वो शिक्षक महोदय पहचान ही नहीं पाये। फिर भी उसे प्यार से [...]

माथे की बिंदी हिंदी

माथे की बिंदी हिंदी भारत माता के माथे की बिंदी हिंदी होती हैl भाषा के विकास से देश की संस्कृति जिन्दी होती है ll चौदह अगस्त उन्नीस सौ उनचास को हिंदी राजभाषा बनी l अपने ही घर में हिंदी रहने लगी सदा अनमनी ll हमसब हिंदी बोलने में सदा संकोच [...]

सन्त श्रीकेशवजी दण्डौती

सन्त श्रीकेशवजी दण्डौती ब्रजमण्डल के भक्तों में जिनको अग्रगण्य भक्त कहते हैं श्रीगोवर्धन जी की परिक्रमा दण्डौती निशदिन करते हैं परिक्रमा करने के कारण केशव जी दण्डौती नाम पड़ा एक बार इक हट्टा-कट्टा साधु आपके सम्मुख आन खड़ा गोवर्धन परिक्रमा के समय श्रीनारायण को भजते हैं श्रीगोवर्धन जी की परिक्रमा [...]