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नव समानुभूति साहित्यिक संस्था की मासिक काव्यगोष्ठी संपन्न

नव समानुभूति साहित्यिक संस्था की मासिक काव्यगोष्ठी संपन्न

लखनऊ, नव समानुभूति साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था द्वारा जी.पी.ओ. परिसर में मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता समानुभूति संस्था के प्रचार सचिव/ वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम राज भारती फतेहपुरी ने की। मुख्य अतिथि भारती पायल एवं संचालन संस्था के महासचिव/वरिष्ठ छंदकार अखिलेश त्रिवेदी शाश्वत ने किया।
कार्यक्रम का आरंभ अखिलेश त्रिवेदी शाश्वत द्वारा प्रस्तुत वाणी बंदना से हुआ। इसके उपरांत अलका अस्थाना अमृतमयी ने शिव जी पर अच्छी कविता पढ़ी।अखिलेश त्रिवेदी शाश्वत ने प्रभु राम पर यह सुंदर छंद पढकर तालियां बटोरी।
राम सद्भावना, राम ही प्रीति हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारती पायल ने इस कविता का सश्वर वाचन किया।
कहो गर्व से…. हिंदुस्तान हमारा है।
संस्था के अध्यक्ष मानस मुकुल त्रिपाठी, आदित्य तिवारी एवं अनिल जैसवार ने देश भक्ति से ओत प्रोत कविताएं सुनकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ.राम राज भारती फतेहपुरी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन के उपरांत राष्ट्र ध्वज पर मुक्तक सुनाए।
हर भारत वासी की ये,पहचान तिरंगा है।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्था के महासचिव अखिलेश त्रिवेदी शाश्वत ने किया।

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