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श्री राम भक्त हनुमान जी के जन्मदिन पर

श्री राम भक्त हनुमान जी के जन्मदिन पर

श्रद्धा, भक्ति, समर्पण एवं प्रतिबद्धता के____पर्याय हैं ___श्री राम भक्त हनुमान जी

बक्सर,३०/अक्टूबर /२०२४,पूरे विश्व में बल,बुद्धि, विद्या, पराक्रम, ज्ञान यानि सर्वगुण सम्पन्नता के धनी श्री हनुमान जी का जन्मदिन कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को सभी जगह मनाया जाता है.
आज का दिवस नरकाचतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है.
इस दिवस को भगवान श्री कृष्ण जी महाराज, माता सत्यभामा जी के साथ नरकासुर का वध करके, सोलह कुछ नारियों का उद्धार किये थे.
को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो…..के नाम से पूरे विश्व में श्री हनुमान जी का नाम सूर्य के समान देदीप्यमान है, और हो क्यों नहीं जब भगवान सूर्य देव ही हनुमान जी के गुरू हैं.
श्री हनुमान जी, भगवान शंकर जी के ही अवतार हैं __जो हनुमान जी के रूप में भगवान श्री राम जी के कार्य करने के लिए घराधाम पर अवतरित हुए एवं भगवान श्री राम एवं माता सीता जी से वरदान पाकर चिरंजीवी है, और जबतक यह सृष्टि रहेगी जबतक रहेंगे.
श्रीराम चरित मानस के किष्किंधा कांड में श्री हनुमान जी को भगवान श्री राम एवं श्री लक्ष्मण जी के साथ दर्शन हुआ.
सुग्रीव जी के साथ भगवान श्री राम जी की मित्रता करवा कर माता सीता जी की खोज कराने अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
श्री हनुमान जी द्वारा, सुरसा की परीक्षा में उतीर्ण होना जल के अन्दर राक्षस का विनान करना, लंकनी को मुष्टि से मारकर विकल कर देना, माता सीता का पता लगाना, लंका जलाना,श्री राम सेतु का निर्माण करना, नागफांस से मुक्त कराना, संजीवनी बुटी लाकर श्री लक्ष्मण जी, को शक्ति बाण से दूर करना जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य करना, जो सभी के लिए असम्भव था,वह कार्य करना.
तभी तो भगवान श्री राम जी हनुमान जी को भरत सम भाई कहे, और यह भी __हे हनुमान मैं तुम्हारे द्वारा किये उपकार से ऋण से कभी भी चरण नहीं हो पाउंगा, श्री हनुमान जी की सेवा की यह पराकाष्ठा है.
इसके आलावा और भी अनेक काम श्री हनुमान जी श्री राम जी की सेवा में किये.
माता सीता द्वारा सिंदूर लगाते देखकर इसका कारण पूछने पर कि सिंदूर से भगवान श्री राम जी खुश होते हैं और उम्र बढती है तो खुद पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर ___लाल देह लाली लसे…….
बन गये,
श्री हनुमान जी गाथा का वर्णन करने में कलम और वाणी थक जायेगी, लेकिन श्री हनुमान जी की गाथा पूरी नहीं हो पायेगी.
अस्तु श्री हनुमान जी के चरणों प्रणाम निवेदित करते हुए, साहित्यकार डॉ ०ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन‌ एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सभी आम जनों के साथ अपनी बातों को साझा करने का प्रयास किये हैं. ____
जय श्री हनुमान जी

डॉ ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन‌

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