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अवध में राम आए हैं

अवध में राम आए है

स्वागत में झुक आया अंबर,‌ वसुंधरा हरषाई है ।
गूंज रहा उद्घोष राम का, जन-जन में खुशियां छाई है ।।
चहक रही पेड़ों पर चिड़ियां
बागों में सुमन खिल आए हैं ।
गाओ मंगल गीत प्यार से, श्रीराम अवध में आए हैं ।।

मंद गति समीर बह रहा, मनहर छंटा घिर आई है ।
अगवानी को बढ़ चली दिशाएं, शुभ घड़ी यह आई है ।
पुलकित तन-मन, सजल नयन हैं
श्रीराम हृदय में छाए हैं ।
गाओ मंगल गीत प्यार से, श्रीराम अवध में आए हैं ।।

सदियों से मन-हृदय व्यथित था, प्रभु बिना जग सूना था ।
वर्षा, गर्मी, शीत ऋतु में श्रीराम में ही मन धुना था ।।
श्रद्धा से नतमस्तक सिर है
आंखों में सपने छाए हैं ।
गाओ मंगल गीत प्यार से, श्रीराम अवध में आए हैं ।।

दीपों से रौशन हुई अयोध्या, सरयू भी मुस्कराई है ।
बाल-वृद्ध, नर-नारी में अनुपम खुशियां छाई है ।।
फहर रही है ध्वजा सनातन
धर्म संस्कृति मन भाए हैं ।
गाओ मंगल गीत प्यार से, श्रीराम अवध में आए हैं ।।

बाग, तड़ाग, उपवन विह्वल हैं, डाली डाली हरषाई है ।
कल-कल करती नदियां विहंसि,गीत मधुर भर लाई हैं ।।
मयूर नृत्य कर रहे बाग में
मन में उमंग भर लाए हैं ।
गाओ मंगल गीत प्यार से, श्रीराम अवध में आए हैं ।।

राह देखती रही अयोध्या, मन सबरी सा निश्छल था ।
फूल बिछाते रहे राह में, प्रभु चरण आनन को व्याकुल था ।।
पूरी हुई आज तपस्या
दिग-दिगंत हर्षाए हैं ।
गाओ मंगल गीत प्यार से, श्रीराम अवध में आए हैं ।।

था समय जोहता बाट मौन हो, जाने कब प्रभु आएंगे ।
पावन अवध की पर्णकुटी में, प्रेम सुधा बरसाएंगे ।।
जन श्रद्धा का नैवेद्य प्यार से
प्रभु चरण को लाएं हैं ।
गाओ मंगल गीत प्यार से, श्रीराम अवध में आए हैं ।।

आर सी यादव
दिल्ली

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