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बचपन

बचपन

बचपन खूब सुंदर होता है ।
अनमोल और अनोखा है ।
जीवन भर याद आता है ।
वापस फिर कभी ना आता है ।
प्यार भरा यादें देता है।

सच्चे मन धारा रहता है ।
अच्छा सोच साथ देता है ।
ऊंँच नीच भेद नहीं जानता है ।
सबको अपना मानता है ।
कच्चे विचार अपनाया होता है।

सबका प्यार पाना चाहे ।
अपनों का साथ चाहे ।
अंजान मन की राहे ।
अनदेखा करे सबकी निगाहें ।
हमेशा भारती अपनी आहे ।

सुंदर और प्यारी यादों का
दोस्तों से किये वादों का।
खुद की अपनी इरादों का।
अनसुनी वो सब बातों का।
देखने को मिले लड़कपन।

आनंदमय होता जीवन ।
बचपन है मनभावन ।
रहता है अपना धुन ।
चलता है खुद का मन ।
जोर ना देता बचपन।

रिश्तों को बचपन जाने ।
फिर भी रिश्ता बनाने ।
दिल की बात सुनाने ।
दर्द अपना हमेशा बताने ।
मासूमियत अनगिनत।

कुछ भी बोलता जाता ।
अपना मन का कर आता ।
अच्छे बुरे का विचार ना करता ।
अपने में ही मग्न रहता ।
बड़े दुविधाओं से गुजरता।

गली गली से गुजरे। ।
पेड़ – पौधों से जा मिले।
नदी ,तालाब ना देखें।
धरती माँ के संग खेले।
मेरा बचपन मुझे याद आवे ।

मीनुग सुनीता

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