देशभक्त वीरांगना नाटक का हुआ भव्य लोकार्पण
देशभक्त वीरांगना नाटक का हुआ भव्य लोकार्पण
औरंगाबाद 23/8/24
जिला मुख्यालय औरंगाबाद के पृथ्वीराज चौक,ब्लॉक मोड़ के समीप अवस्थित पृथ्वीराज चौहान स्मृति भवन के प्रांगण में जिला हिंदी साहित्य औरंगाबाद, समकालीन जवाबदेही परिवार एवं बतकही परिवार के संयुक्त तत्वावधान में प्रसिद्ध कवि एवं लेखक लवकुश प्रसाद सिंह रचित नाटक देशभक्त वीरांगना का लोकार्पण किया गया। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित लोकार्पण समारोह का संचालन संस्था के महामंत्री धनंजय जयपुरी ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में सिन्हा कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सुधीर कुमार मिश्र, विशिष्ट अतिथि डॉ विजय कुमार सिंह (प्राचार्य जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय डेहरी),अशोक कुमार सिंह (संस्थापक पंचदेव धाम चपरा), पूर्व प्राचार्य डॉ सी एस पांडेय,अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ रामाधार सिंह, प्रोफेसर ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह सहित अन्य लोगों ने पुस्तक का लोकार्पण किया एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। संबोधन के क्रम में वरीय अधिवक्ता प्रेमेंद्र मिश्र, सुमन अग्रवाल, ज्योतिर्विद शिवनारायण सिंह, प्रेम शंकर सिंह प्रेमी, राम दरश सिंह, राम सुरेश सिंह, प्रो राजेंद्र सिंह ने कहा कि जिस तरह से आज पुस्तकें रची जा रही हैं उसी प्रकार पुस्तक पढ़ने वाले पाठकों को जागृत करने की भी आवश्यकता है। मुख्य अतिथि प्रो सुधीर कुमार मिश्र ने कहा कि देशभक्त वीरांगना नाटक के रचयिता से यही सीख मिलती है कि अगर आपके अंदर जुनून है तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं।अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ सिद्धेश्वर प्र सिंह ने कहा कि जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन का मूल उद्देश्य नवोदित साहित्यकारों को हिंदी के प्रति उत्साह जगाना। हमारा जीवन एक नाटक की तरह है। काव्य का व्यापक स्वरूप दृश्य काव्य है। ट्रस्ट के सचिव स्वर्णजीत कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष विकास कुमार सिंह, वरीय सदस्य रामप्रवेश सिंह, पूर्व मुखिया सत्येंद्र नारायण सिंह, अनुज बेचैन, नागेन्द्र केशरी, जगदीश सिंह, राम भजन सिंह सहित अन्य उपस्थित लोगों ने पृथ्वीराज के जीवन पर आधारित नाटक लिखने के लिए साहित्यसेवियों को प्रेरित किया।जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने आगत अतिथियों का स्वागत किया।