मर्यादा पुरुषोतम
मर्यादा पुरुषोतम
सत्कर्मों के हैं ज्ञान -पुंज ,
रघुकुल दीपक श्रीराम नमन।
शरणागत आते सुखसागर,
करते हैं आठों याम नमन।।
घट-घट वासी पालनकर्त्ता,
हनुमत साधक अंतर्यामी।
अवगुणहर्ता जीवनदाता,
मर्यादा पुरुषोत्तम स्वामी।।
हे ज्ञानवान हे शक्तिमान,
रघुकुल-भूषण सुखधाम नमन।
शरणागत आते सुखसागर,
करते हैं आठों याम नमन।।
कौशल किशोर करुणा-निधान,
जगतारक मानस बलिहारी।
हो शोक नियंता जग रक्षक,
सीतापति राघव शुभकारी।।
अखिलेश्वर अभिनंदन करते,
हे भव्य -दिव्य हरि नाम नमन।
शरणागत आते सुखसागर,
करते हैं आठों याम नमन।।
तारी ऋषि गौतम की नारी,
वैभवदायी महिमा न्यारी।
अभिमानी रावण संहारा,
हैं शौर्यवान प्रभु धनुधारी।।
त्रेता युग में हैं अवतारे,
जपता मन है अविराम नमन।
शरणागत आते सुखसागर,
करते हैं आठों याम नमन।।
मानवता का पोषण करते,
हरते हैं जन -जन की पीरा।
जय धर्म परायण युग गौरव,
अतुलित बलशाली रघुवीरा।।
मुनिजन संतन के हितकारी,
उर बसती छवि अभिराम नमन।
शरणागत आते सुखसागर,
करते हैं आठों याम नमन।।
मीना भट्ट *सिद्धार्थ*