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कविता

कविता

हिंदी हिंदुस्तान की,
यह शरीर वह प्राण।
हिंदी को गौरभ मिले,
दिल में यह अरमान ।

सारे जग में हो अलग,
हिंदी की पहचान ।
अम्बर से ऊंचा मिले,
हिंदी को सम्मान ।

हम करते यह प्रार्थना,
करते है यश गान।
हिंदी को ऊंचा मिले,
सब दुनियां में मान।

भावों को उन्नत करें,
दे दुनियां को ज्ञान।
हिंदी भाषा में करें ,
सबसे हम प्रणाम ।

हम आज संकल्प ले,
यह ले दिल में ठान।
जब भी हस्ताक्षर करें,
हिंदी का रख ध्यान ।

डॉ एल एस किरार
अंबाह जिला मुरैना

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