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वर्तमान परिदृश्य में दिनकर साहित्य की भूमिका

वर्तमान परिदृश्य में दिनकर साहित्य की भूमिका
औरंगाबाद 24/4/24
सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद के तत्वावधान में अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह एवं महामंत्री धनंजय जयपुरी के आह्वान पर भारत के महान साहित्यकार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी के 50 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर वर्तमान परिदृश्य में दिनकर साहित्य की भूमिका विषय पर सामयिक संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जम्होर विकास मंच के अध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह ने किया जबकि संचालन सचिव राणा सुनील सिंह द्वारा किया गया।मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह ने संबोधन के क्रम में कहा कि दिनकर जी के समग्र साहित्य वर्तमान परिदृश्य में प्रासंगिक हैं आज जिस तरह का सामाजिक राजनीतिक एवं साहित्यिक परिवेश चल रहा है उसमें उनके सभी साहित्य समीचीन है। उनकी रश्मिरथी के जो भी काव्यांश है बड़े-बड़े मंचों की उद्बोधन की शोभा बढ़ाते हैं तो वही कुरुक्षेत्र हमें राष्ट्रीय प्रेरणा से बोध कराती है उर्वशी महाकाव्य यह बताती है कि हमें किस तरह से सामाजिक जीवन जीना है। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने कहा कि संस्कृति के चार अध्याय दिनकर की ऐसी कृति है जो पूरे भारत के सभ्यता एवं संस्कृति से हमें परिचय कराती है। संवाद के मौके पर पवन कुमार सिंह उर्फ मुन्ना जी, जितेंद्र कुमार सिंह,राजू ठाकुर,सोम प्रकाश रविकर, सौरभ राज सहित अन्य उपस्थित थे।

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