सामाजिक अंतरराष्ट्रीय शिरोमणी अवॉर्ड से बिलासपुर में सम्मानित किया गया
विषम परिस्थितियों में जिनका आत्म विश्वास कमजोर नहीं हुआ “मणी प्रभा त्रिपाठी” को गोपाल किरन समाजसेवी संस्था द्वारा गुरु घासीदास लाइफ टाइम साहित्यक, सामाजिक अंतरराष्ट्रीय शिरोमणी अवॉर्ड से बिलासपुर में सम्मानित किया गया
बिलासपुर छत्तीसगढ़ –
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सहसपुर संकुल नगर पालिका सारंगढ़ प्रधान पाठक श्रीमती मणी प्रभा त्रिपाठी सारंगढ़ निवासी को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार साहित्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए प्रेरणादायक अनुकरणीय तथा समाज सेवा कार्य का आरंभ वर्ष 1984 से आरंभ किया। शिक्षा विभाग में आपका पदार्पण वर्ष 1995 से शिक्षक पद से प्रारंभ किया। आज उन्होंने अपने जिले में ही नहीं राज्य , राष्ट्रीय स्तर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कार्यों की बदौलत अपनी एक अमिट पहचान
स्थापित की है।अपने कार्यों की वजह से अपने क्षेत्र में शून्य से शिखर तक पहुंच कर महिलाओं को यह संदेश दिया कि महिला चाहें तो अपने नाम को शिखर तक पहुंच सकती है अपने श्रेष्ठ कर्त्तव्यों के द्वारा उन्होंने डाइट धरमजयगढ़ में रहते हुए ऐसा चैलेंजिंग कार्य किया जिसमें सब प्रतिशत 34 स्कूल जो कि ब्लॉक के वन क्षेत्र जहां पहुंचना असंभव होता है वहां तक जाने के लिए जो भी साधन मिला वह खुद के साधन या जो भी उस समय मिला उसका उपयोग कर स्वयं जाकर उन्हें स्कूलों को सामुदायिक सहभागिता सम्मेलनों के द्वारा बच्चों को स्कूलों की ओर मोड़ दिया। शराबी जन को मोटिवेट कर उनको अपनत्व का अहसास कराते हुए उनको हमेशा से शराब से तिरांजलि दिलाकर अपना भाई बनाकर उनके जीवन स्तर को सुधार दिया और वहां का रिजल्ट शत प्रतिशत किया। एनसीईआरटी में अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन विषय पर डिप्लोमा के लिए एनसीईआरटी नई दिल्ली जाकर 2 वर्षों के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं का परचम लहराया तथा 48 राष्ट्र के स्टूडेंटों को भारतीय कल्चर नई दिल्ली बाल भवन में सिखाया तथा आंगनबाड़ी में अपना अनुसंधान पर प्रथम श्रेणी रखते हुए छत्तीसगढ़ का नाम ऊंचा किया । पर्यावरण के क्षेत्र में उनकी रुचि उनके जहां-जहां प्रदेश हुए वहां के स्कूलों के हरियालियों को देखते हुए पता चलता है जब वह प्राथमिक शाला चिकली में पढ़ाती सामने पड़ी लंबी चौड़ी भूमि पर उन्होंने न जाने कितने आम अमरूद के बड़े -बड़े वृक्षों को लगाए था जो आज गगनचुंबी होकर गांव वालों को लाभ प्रदान कर रहे हैं। डायट धरमजयगढ़ के माध्यम से कई स्कूलों में सामुदायिक सहभागिता सम्मेलन करके स्कूल के प्रांगण में वृक्षों को लगाने का महत्वपूर्ण कार्य भी किया जिसमें बड़े सारंगढ़ क्वार्टर लिया रायगढ़ बड़ी कर सारंगढ़ तथा चिकली सारंगढ़ आदि है उन्होंने अपने विद्यालय की बंजर भूमि को सुंदर पुष्प वाटिका में परिवर्तित कर दिया जिसे दूर दूर से लोग देखने आ रहे हैं इस विद्यालय की खासियत है कि न केवल बाहरी वातावरण सुंदर है स्कूल के भीतर उन्होंने चारों तरफ लर्निंग कॉर्नर्स बनाकर प्रिंट विच वॉटर एक गार्डन एवं लाइब्रेरी कॉर्नर के द्वारा बच्चों को किताब की ओर रुचि जगाने के लिए तरह-तरह के नवाचार किये तथा उनके द्वारा लगाए गए फलों के पेड़ बच्चों को पौष्टिक फल मध्यान भोजन में प्रदान किए जाते हैं तथा पूर्णत जैविक सब्जियों को लगाकर उन्होंने बच्चों को मध्यान भोजन में जैविक सब्जी खिलाकर एक बहुत ही परोपकार का कार्य किया है।क्योंकि यह राष्ट्र बच्चों की न्यूट्रिशन पर विशेष ध्यान दे रहा है। माध्यमिक शाला सहजपुर के बच्चों न्यूटन न्यूट्रिशन युक्त संतुलित भोजन ग्रहण करके लाभ प्राप्त करा रहे हैं। उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी अपने कार्य को अनवरत जारी रखा है। शिक्षा,साहित्य, पर्यावरण , सामाजिक क्षेत्र हो या अन्य कोई क्षेत्र हो वे सभी में बढ़-चढ़ कर भाग लेती आ रही है। सौ प्रतिशत उपस्थिति सौ प्रतिशत विषय परिणाम देती आ रही है उन्होंने ने शिक्षिका के साथ साथ साहित्य, समाज सेविका के रुप भी उत्कृष्ट काम किया है जो कि एक मिसाल है। पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने के लिए स्कूल में लगातार किचन गार्डन बनाकर बच्चों को जन्म दिवस पर पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया । स्कूल में बच्चों को हमेशा खेल क्षेत्रों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया हैं। गरीब बालिकों की शादी कराने में भी वह कभी पीछे नहीं हटी जिनकी उन्होंने कराई वह अपना खुशहाल जीवन जी रही है।बच्चों की आर्थिक सहायता भी की है खेलों को लेकर भी प्रोत्साहित किया है। बोर्ड पेपर मूल्यांकन कार्य को भी अंजाम दिया है। समाज में महिलाओं के हितों पर हमेशा आवाज बुलंद करती रहती है। एक मध्यमवर्ग परिवार की होते हुए भी दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहती हैं।
उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में सम्मानित किया जा चुका है । गोपाल किरन संस्था द्वारा उनको देहरादून ,चितौड़गढ़, बौद्ध गया, आगरा, कलकता, बैंगलोर, उज्जैन, ओरंगाबाद, कोटा मैं दिया गया। इसके साथ ही आपको राष्ट्रीय शिक्षक रत्न सम्मान ,गुवाहाटी ,आदर्श शिक्षक सम्मान, सारंगढ़ ,युवा साहित्य सम्मान , रायगढ़ ,राष्ट्रीय साहित्य सम्मान राजस्थान ,स्वच्छ विद्यालय सम्मान रायगढ़, काव्य श्री सम्मान 2022 दिल्ली अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मान ,न्यू दिल्ली भारत माता अभिनंदन सम्मान हरियाणा, शासकीय योग, अवार्ड भोपाल, राष्ट्रीय समूह नृत्य प्रथम अवार्ड भोपाल, अब्दुल कलाम अवार्ड ,रायगढ़ आदि। अन्य भी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड उन्हें प्राप्त हुए हैं जो कि एक शिक्षक के लिए बहुत गौरव की बात है और वे नगर ही नहीं अपने राज्य और राष्ट्र के लिए भी गौरव है।
गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ने उनके कार्य की वजह से अलग अलग क्षेत्र मैं समान दिया है। मणी त्रिपाठी मानती है कि जीवन का उद्देश्य दूसरों की सेवा करना है। हालाँकि, ऐसा करते समय, आपको बदले में कुछ उम्मीद नहीं करनी चाहिए। आपका इरादा दूसरे लोगों का दुख कम करना होना चाहिए। “दूसरों की सेवा सच्ची और दिल से की जानी चाहिए तभी यह फलदायी है।” जैसे क्या कोई पेड़ अपना फल स्वयं खाता है? नहीं, यह हमें सिखाता है कि मनुष्य को अपने मन, शरीर और वाणी का उपयोग न केवल अपने लिए करना चाहिए, बल्कि दूसरों की सेवा के लिए भी करना चाहिए। जब आप ऐसा करेंगे तो प्रकृति आपको पुरस्कृत करेगी। उसी का प्रति प्रतिफल है कि उनको हर क्षेत्र में हर फील्ड में सम्मानित किया जा चूका है। वह त्याग समर्पण समर्पण की मूरत है, कभी कोई उनके पास आया है किसी को निराश नहीं होने दिया है।
उनके अपने राज्य छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले में केवल उनको ही गुरु घासीदास लाइफ टाइम अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया है।
इस अवसर पर उनके शुभचिंतक जनों ने बधाई दी है।