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संगम तट के दोमुहान सूर्य मंदिर में पूजा पाठ विशेष फलदाई

संगम तट के दोमुहान सूर्य मंदिर में पूजा पाठ विशेष फलदाई

औरंगाबाद – कुटुंबा प्रखंड के बतरे बटाने नदी के संगम तट सडसा ग्राम के समीप दोमुहान अवस्थित भगवान भास्कर का सूर्य मंदिर भव्यता एवं दिव्यता का प्रतीक है। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने बताया कि सूर्य पूजा के लिए विख्यात औरंगाबाद जिला युगो युगो से विख्यात रहा है। त्रेता युगीन सूर्य मंदिर देव उमंगा की ख्याति पूरी दुनिया में आलोकित है।दाउदनगर का सूर्य मंदिर की चर्चा भी पुराणों में वर्णित है। उसी कड़ी में इस संगम तट पर दशकों पूर्व नागा बाबा आए और उन्हें भगवान सूर्य का आत्म साक्षात्कार हुआ और इस तट पर उन्होंने भगवान भास्कर का मंदिर निर्माण कराया। वर्ष के दोनों छठ पर्व पर यहां सूर्य आराधना करने वालों की संख्या में उमड़ पड़ती है।औरंगाबाद जिले में देव के बाद अगर सर्वाधिक भीड़ होती है तो दोमुहान का ही छठ घाट है जहां पर सूर्य आराधना करने वालों का तांता लगा रहता है।शास्त्रों में वर्णन आया है यदि संगम तट पर भगवान भास्कर का मंदिर हो। गर्भ गृह में उनकी आलोकित आभा लिए प्रतिमा की स्थापना हो तो उसे स्थल पर उनके निमित किया गया पूजा पाठ लाखों गुना फलदाई होता है। दोमुहान सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष अवकाश प्राप्त दारोगा सिंहेश ने बताया कि यह स्थल औरंगाबाद जिला मुख्यालय से दक्षिण की ओर 14 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। कार्तिक में जो छठ पूजा होती है उसमें भगवान भास्कर नगर संडसा के ग्रामीणों के सहयोग से हजारों व्यक्तियों के लिए सभी सुविधाओं से युक्त व्यवस्था की जाती है।

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