जोगी रा सा रा रा रा
जोगी रा सा रा रा रा
शंखनाद जब से हुआ,तब होंगे चुनाव |
चलने सब अगुआ लगे, अपने अपने दाँव ||
जोगी रा सा रा रा रा रा
ए.सी.में थे जो घुसे, वादे सभी बिसार |
वोट मांगते गलियों में, अपने हाथ पसार ||
जोगी रा सा रा रा रा रा
अचरज में हैं लोग यहाँ, देंगे किसको वोट |
इसमें भी है खोट सभी, उसमें भी है खोट ||
जोगी रा सा रा रा रा रा
लालच मन में आ बसा, देगा जो उपहार |
वोट उसी की झोली में, देंगे झारो झार ||
जोगी रा सा रा रा रा रा
पलड़ा भारी देख के, लगे बदलने दल |
क्या? ऐसे मेरे देश का,दमकाएंगे कल ||
जोगी रा सा रा रा रा रा
सोंच समझ से देश के लोगों, करिएगा मतदान |
नासमझी में है पतन, समझी में उत्थान ||
जोगी रा सा रा रा रा रा
कवि प्रभात
कटगी ( छ. ग.)