जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जम्होर में संत रैदास जयंती धूमधाम से मनाई गई
औरंगाबाद – सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद के तत्वावधान में भक्ति काल के अन्यतम संत रैदास जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। संस्था के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह एवं महामंत्री धनंजय जयपुरी के आह्वान पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह ने किया। जबकि,संचालन राणा सुनील सिंह द्वारा किया गया। सर्वप्रथम उनके तेल चित्र पर उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित किया।तत्पश्चात,उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए संस्था के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने कहा कि भक्ति काल में जब सनातन परंपरा पर कुठाराघात किया जा रहा था तो ऐसे समय में संत रैदास का अवतरण हुआ और उन्होंने अपनी काव्य सर्जना से पूरे सनातन परंपरा को पुनर्स्थापित करने का कार्य किया एवं उस समय के समकालीन सभी संत कवियों के प्रेरणा स्रोत बने। मीराबाई को गुरु दीक्षा दी तो कबीर के साथ कदम ताल किया। काशी के विद्वानों ने उन्हें संत की उपाधि दी। संत रैदास द्वारा गाए गए भजनों को सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया।आत्मज्ञानी संत रैदास का सारा जीवन समाज को सुधारने के लिए समर्पित रहा तो वहीं उनके रचनाओं से हमें जीवन में आगे बढ़ने का संदेश मिलता है। रैदास जयंती के मौके पर अधिवक्ता राम पुकार ओझा,सुजीत कुमार सिंह,जितेंद्र कुमार सिंह,नंद जी यादव,पिंटू राम,पवन चंद्रवंशी, पवन कुमार सिंह,राहुल कुमार सहित अन्य उपस्थित थे। इस आयोजन हेतु कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने बधाई दी है।