प्रकाश -पुंज स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की स्मृति में
शांति चित्त युक्त थे, द्वेष राग मुक्त थे।
भारत में सूर्य -सम वे प्रकाश युक्त थे।
सदा विवाद से रहित, सत्य सदा अवलम्ब।
दूर दृष्टि, दयावान,,थे हिंदुस्तान दम्भ।
द्वन्द से विरक्ति थी, स्वाभिमान शक्ति थी।
प्रत्येक रक्त -बूंद में, पवित्र देश भक्ति थी।
हर विवाद कह रहा,बता कहां हैं अटल?
प्रीति -बीच कर हमें,वे रहे सदा सफल।
देह त्याग कर स्वयं, स्वर्ग -धाम को गये।
आदर्श थे वे मेरे,दूर आज हो गये।
आसमां तो रुष्ट है, विडम्बना हमें दिया।
प्रकाश छीन कर हमें, शक्ति हीन कर दिया।
है भी रास्ता किधर! मैं चलूं इधर -उधर।
जिंदगी कराहती,लग गई इसे नजर।
हिंद है या पाक है,या कि विश्व- बात है।
जहां चलें दिख रहा, वहीं अटल साख है।
जहां चलें दिख रहा, वहीं अटल साख है।।
देवी प्रसाद पाण्डेय
प्रयागराज उत्तर प्रदेश