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आलेख विश्वभर में हिंदी की बढ़ती स्वीकार्यता

आलेख

विश्वभर में हिंदी की बढ़ती स्वीकार्यता

हमारी राजभाषा हिंदी को न केवल अपने देश में , बल्कि वैश्विक स्तर पर पर्याप्त सम्मान मिलता रहा है। हर भारतवासी के लिए यह गौरव का विषय होना चाहिए कि आज दुनिया के 176 विश्व विद्यालयों में हिंदी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है। हिंदी वहां अध्ययन , अध्यापन तथा अनुसंधान की भाषा भी बन चुकी है। अमरीका के ही 30 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों में भाषाई पाठ्यक्रमों में हिंदी को महत्वपूर्ण दर्जा मिला हुआ है। दक्षिण प्रशांत महासागर के देश फिजी में तो हिंदी की राजभाषा का आधिकारिक दर्जा मिला हुआ है। फिजी में इसे ‘ फिजियन हिंदी’ अथवा ‘ फिजियन हिंदुस्तानी ‘ भी कहा जाता है , जी अवधी , भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिला – जुला रूप है। माना जाता है कि विश्वभर में लगभग 6900 मातृभाषाएं बोली जाती हैं , जिनमे से 35-40 प्रतिशत अपने अस्तित्व के संकट से गुजर रही है। दूसरी ओर पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिंदी बोलते हैं और यह दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है। फिजी के अलावा भी दुनिया में कई ऐसे देश है , जहां हिंदी बोली जाती है। इन देशों में पाकिस्तान , नेपाल , बांग्लादेश , सूरीनाम , त्रिनादाद , मौरीशस , युगांडा , गुयाना , अमेरिका , ब्रिटेन , जर्मनी , न्यूजीलैंड , यूएई , साउथ अफ्रीका इत्यादि।

भारत में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है, जबकि विश्वभर में हिंदी के प्रचार – प्रसार के लिए वातावरण निर्मित करने , हिंदी के प्रति अनुराग उत्पन्न करने तथा अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी को प्रस्तुत करने के उद्देश्य से पिछले कई वर्षों से 10 जनवरी को ‘ विश्व हिंदी दिवस ‘ मनाया जाता है।

हिंदी ऐसी भाषा है। जो प्रत्येक भारतीय को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाती है। दुनियाभर में आज 75 करोड़ से भी ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं और जिस प्रकार वैश्विक परिदृश्य में हिंदी की स्वीकार्यता निरंतर बढ़ रही है , उसे देखते हुए यह कहना असंगत नही होगा कि अब वह दिन ज्यादा दूर नहीं , जब हमारी राजभाषा हिंदी चीन की राजभाषा चीनी को पछाड़कर शीर्ष पर पहुंच जाएगी। विश्वभर में हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड के नाम से जानी जाती हैं। जहां हर वर्ष ढेरों फिल्में बनती है और ये फिल्में भारत के आलावा विदेशों में भी खूब पसंद की जाती है। यही कारण है कि बॉलीवुड सितारे अक्सर अपनी फिल्मों के प्रचार – प्रसार के लिए अब विदेशों में शो आयोजित करते है।

आज भले ही हमारे देश में ही कुछ लोग हिंदी के उपयोग को लेकर कभी – कभी बेवजह का विवाद खड़ा कर अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास करते दिखते हैं।लेकिन हर भारतीय के लिए गर्व की बात यह है कि दुनियाभर में अब हिंदी को चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

प्रेषक :- आशीष अम्बर
शिक्षक
जिला – दरभंगा
बिहार

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