ढूंढता रहा
ढूंढता रहा _________ प्रभु ढूंढा अनवरत तुमको, जंगल, नदियां पहाड़ों में। शीत, ताप छाया में ढूंढा, वैराग्य और माया में ढूंढा। तृष्णा के संधान सा ढूंढा, झरनों की निर्मल धारों में। सुबह, शाम और रात में ढूंढा, इंद्रधनूषी बरसात में ढूंढा। योद्धा सा रणभूमि में ढूंढा, तीरों और तलवारों में। [...]